दोस्ती – अनु माथुर : Moral Stories in Hindi

New Project 88

अनुराधा वैसे तो कभी बैंक नहीं जाती थी, क्योंकि उसके पति बैंक में ही काम करते थे … तो जो भी काम होता था वो घर पर ले आते थे | लेकिन साल में एक बार वो लॉकर में रखे हुए अपने गहने देखने ज़रूर जाती थी | मायके और ससुराल का सारा ज़ेवर वो … Read more

उम्मीद पे दुनिया क़ायम – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

New Project 56

सलीम को बचपन से ही अमीर बनने का शौक़ था । इसलिए अपने अरमा पूरे करने के लिए रोज लॉटरी टिकट ख़रीदता रहता था । पर क़िस्मत में कुछ सौ रूपयों के अलावा कभी कुछ नहीं निकला । घर का बड़ा बेटा होने के कारण हकीम साहब की सब उम्मीदें उसी से थी । लेकिन … Read more

डूबते को तिनके का सहारा – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

New Project 46

तिनके का सहारा भी किसी के जीवन को बचा सकता है,किसी के चेहरे पर मुस्कान और खुशी ला सकता है।विधवा रमिया की काया ने जिन्दगी भर काँटों की चुभन का ही अनुभव किया।भरी जवानी में दो छोटे बच्चों के साथ विधवा हो गई।  उसके लिए अब बच्चों की खुशी और मुस्कान ही  उसकी जिन्दगी थी,परन्तु … Read more

अंतिम प्रणाम – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

New Project 35

विद्या जी सूनी आंखों से सबको देख रही थी। आज उनके  पति सीताराम जी की तेरहवीं थी। सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त हुए थे। अपने बनाए बड़े से आवास में रहते थे।  लंबे समय से सेवानिवृत्त ही थे।  यूं तो कहने को उसी घर में उनके बेटा बहू,पोता पोती भी रहते थे।  मगर ऐसे कि हर … Read more

संस्कारो पे धब्बा – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

New Project 36

प्यार तो पहले हुआ करता था । आज के दौर में प्यार के मायने ही बदल गए है । प्यार प्यार ना रह बस एक खिंचाव , एक फ़ैशनेबल हौड की तरह हों गया है । जहां लड़के-लड़कियाँ बॉय फ़्रेंड गर्ल फ़्रेंड कहलवाना ज़्यादा पसंद करते है । मेट्रो जो एक सार्वजनिक परिवहन का साधन … Read more

इल्ज़ाम :~ सही या ग़लत – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

New Project 89

“ मैडम जी हमें आपसे कुछ बात करनी है ।” दरवाज़े की घंटी बजते जैसे ही रति ने दरवाज़ा खोला सामने सोसायटी में काम करने वाली दो ( कला और सविता) महिलाओं ने कहा  “हाँ बोलो।” रति ने कहा  “क्या हम अंदर आ जाए?” उनमें से एक ने कहा जिसका नाम कला था  “ हाँ … Read more

मैं प्रायश्चित कर रही हूं – डॉ.विभा कुमरिया शर्मा। : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T104436.080

शांति का मन अशांत था और कुछ दिनों से उसकी बेटी की शिकायतें  करके रिश्तेदार उसे  परेशान कर रहे थे । शांति सोच रही थी कि हर रोज बेटी का बे- लगाम होते जाना अच्छा नहीं है । पैदा होते ही मर जाती तो कौन सा घाटा पड़ जाता दुनिया को । जरूरी तो नहीं … Read more

* कर्मों का परिणाम* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

New Project 34

 जमाधवी जी के दो बेटे थे। दोनों की नौकरी लग गई थी, वे शादी लायक हो गए थे। माधवी जी की  हार्दिक इच्छा थी, कि लड़को का विवाह उनकी बिरादरी में हो। उन्हें लगता था, कि गैर समाज में अगर बेटो की शादी हुई तो उनकी नाक कट जाएगी, इज्जत धूल में मिल जाएगी। बड़े … Read more

धब्बा लगाना – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

New Project 70

“सरिता, यह तुमने क्या किया? अपनी दुध मुंही बच्ची को मंदिर के पीछे  छोड़कर आ गई हो। शर्म आनी चाहिए तुम्हें।” लक्ष्मी देवी अपनी बेटी को बहुत डांट रही थी।   सरिता-“मां, आप मुझे मत सिखाओ। मुझे जब डॉक्टर ने बताया कि वह आगे चलकर मानसिक रूप से कमजोर रहेगी। तो मैं उसका क्या करती। हमारे … Read more

सुगना – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T104436.080

सुगना, देखो सबके नाश्ता करने के बाद ये( बचा हुआ) नाश्ता मिट्ठू को बुला कर खिला देना…. कहते हुए बड़ी ताई जी निकल गई अरे और कहां, अपने मोहल्ले की सहेलियों के साथ गप – शप करने  बड़ी ठसक थी ताई जी की घर और मोहल्ले सब जगह और हो भी क्यों ना?  घर में … Read more

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