चाँद पर थूकना – संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi

“ बेटा तेरा गला नंगा क्यों हैं?” “ पहना तो है मंगलसूत्र माँ।”गले में हाथ फिरते हुए …अरे! मेरा मंगलसूत्र… कहाँ  गया…”संजना बोली। “देख बेटा कहीं उतर जार रखा होगा तुमने।” “ नहीं माँ! मैंने कहीं नहीं रखा… जब से तुमने बताया कि.. किसी भी माँ को अपना गला ख़ाली नहीं रखना चाहिए… तब से … Read more

* हमारा भी मन दु:खता है * – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

 दिनेश जी ने कहा-‘तुमने राजू पर चौरी का इल्जाम लगाकर, चांद पर थूकने जैसा काम किया है जानकी! मैं जानता हूँ, राजू बहुत ईमानदार है, मैं कभी कोई भी सामान उससे मंगवाता  हूँ, वह ईमानदारी से बचे हुए सारे पैसे मुझे वापिस कर देता है। वह गरीब है मगर चोर नहीं हो सकता। मेरा मन … Read more

चांद पर थूकना – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

  अरे आकाश! तुम यह क्या कर रहे हो ?… कहकर स्वाति जोर जोर से चिल्लाने लगी.. अरे अरे भावी! कहते हुए आकाश चुप हो गया… बहू स्वाति की आवाज सुऩकर सास ससुर और स्वाति का पति  दिवाकर कमरे में  दौड़कर आए… देखो माँ जी! आकाश मुझे गलत तरीके से छू रहा था… नहीं भावी! यह … Read more

आरोप – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ माँ ये पैसे सँभाल कर रख लो.. हाँ ध्यान रखना बेफिजूल ख़र्च ना करना और हाँ जरा छिपा कर अच्छे से रखना ।”महेश ने माँ रत्ना से धीरे से कहा और बैठक में अपने चाचा को देखने लगा जो चाय पीने में मशगूल थे  “ ठीक है बेटा ।” कह कर रत्ना जी ने … Read more

अंगूठी खो गई – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

 सुमी के हाथ से आज बड़ा नुकसान हो गया था, उसे बहुत दु:ख हो रहा था। वह घबरा रही थी,उसका रोना रूक नहीं रहा था, घर में कोई था भी नहीं जो उसे दिलासा देता। उसके हाथ से दो तोले की सोने की अंगूठी कहीं गुम गई थी। अभी छ महिने पूर्व ही उसका विवाह … Read more

खून -खौलना – संगीता श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

“बोल मिताली, तुमने सारी तैयारी कर ली है ना? अगर कोई काम बचा -खुचा  हो तो बता दे, मेरा मतलब यदि कोई खरीदारी छूट गई हो तो स्कूल से आते वक्त में लेते आती।” मिताली की दोस्त आकांक्षा ने कहा। “नहीं रे ,सब कुछ तो हो ही गया। बस,तुम समय से आ जाना।”मिताली ने कह, … Read more

खून खौलना – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

अरे कमली! तूने में मेरा सोने का हार देखा ,कल रात मैंने शादी से वापस आने के बाद टेबिल के ट्रॉवर में रखा था… कमली बोली – नहीं मैडम! मैं तो सुबह से रसोई में काम कर रही हूं बेटे शुभम् को स्कूल भेजने के बाद रुपाली ने पूरा घर छान मारा कहीं भी हार … Read more

परिचय – रचना गुलाटी : Moral Stories in Hindi

हर माता-पिता की दिली तमन्ना होती है कि उसके बच्चे हमेशा सुखी रहें। इसलिए वे उन्हें छोटी छोटी बातों में गच्चा दे जाते हैं। मालती भी यही चाहती थी कि उसकी बेटी पढ़-लिख कर अफ़सर बन जाए, इसलिए वह उसे गच्चा दे रही थी कि वह एक स्कूल में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करती है … Read more

सही फ़ैसला – रचना गुलाटी : Moral Stories in Hindi

एकल परिवार में रहने वाली मीना की शादी एक संयुक्त परिवार में हुई जहाँ उसके एक जेठ, एक देवर, जेठानी व उसका दो साल का प्यारा सा बेटा यश है। मीना के सास, ससुर व पति बहुत अच्छे स्वभाव के हैं। जेठानी भी उससे बहुत स्नेह करती है। देवर तो भाभी-भाभी कहते हुए आगे-पीछे घूमता … Read more

गच्चा खाना – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

आओ दीदी! आपके पैर में तेल लगा दूँ.. हाँ शांता! अच्छे से मालिश कर दे। मेरे पैर बहुत दुःख़ रहे हैं.. तेल लगाकर कपड़े मशीन में डाल देऩा और कल के कपड़े प्रेस करके रख देना। रीमा मैडम ने शांता बाई को झाडू पोंछे को लिए रखा था.. पर ऐसे छोटे मोटे काम रीमा कोई … Read more

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