ठग अपने ही घर – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

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“ नीना आज फिर से तुमने मेरे वॉलेट से पैसे निकाले… कितनी दफ़ा कहा है जब भी निकाला करो मुझे बता दिया करो।” ऑफिस से घर आकर मयंक पत्नी  पर ग़ुस्सा करते हुए बोला  “ पर मैंने कोई पैसे नहीं निकाले कुछ दिनों से तुम मुझसे यही कह रहे हो अरे जब निकालूँगी तो बता … Read more

विश्वास का नतीजा – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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रघु …जल्दी से बाजार जाकर 10 समोसे, तीन कोल्ड ड्रिंक की बोतल, बर्फी और कुछ चॉकलेट कुरकुरे और चिप्स के पैकेट लेते हुए आना…खुशी से उत्साहित रश्मि ने अपने नौकर रघु को 1000₹देते हुए कहा! दरअसल आज रश्मि के मायके वाले यानी कि उसके पापा मम्मी भैया भाभी और भतीजा भतीजी आ रहे थे! वह … Read more

कृतघ्नता – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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 पर ये तो बताओ ना, हमने तो संजू को अपने बच्चे की तरह ही पाला पोसा, तुम्ही बताओ कभी मन मे भी उसके प्रति धुरात आयी?फिर उसने हमारे साथ इतना बड़ा विश्वासघात क्यूँ किया? भागवान, अब छोड़ इस बात को,हमारी परवरिश में ही कोई कमी रह गयी होगी,तभी संजू ने ऐसा किया।मलाल तो बस इतना … Read more

सन्तुष्ट – मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi

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प्रतीक मैं नौकरी करना चाहती हूं… थाली में गर्म रोटियां रखती हुई नेहा बोली। नौकरी ऐसे अचानक, पर क्यों मैंने या मम्मी ने कभी किसी चीज के लिए रोका है तुम्हे। वो बात नही है प्रतीक, मैं अब घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर अपनी एक पहचान बनाना चाहती हूं सुमि भी अब तीन साल … Read more

दिन में तारे नज़राना – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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एम बीए पास रचना का रिश्ता जब संयुक्त परिवार में तय होगया,तो उसकी माँ ने कहा बेटा माना तुम्हें कुकिंग में जरा भी रूचि नही है,बैसे भी जॉव करते समय तुम्हें इस सब के लिए शायद समय भी न मिले। लेकिन थोड़ी बहुत कुकिंग आना बहुत जरूरी है,ताकि ससुराल जाने पर कुछ सुनना न पड़े।हां … Read more

दिन में तारे देखना… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

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सासू मां की तो कभी उनके जीते जी कदर ही नहीं की रम्या ने… ना कभी कोई रीति रिवाज जानना चाहा… ना कोई गांव घर, नाते रिश्ते, ही निभाए… हमेशा यही कहती रही की… “मां हैं ना… वह कर ही रही हैं तो मुझे क्या…!”  पर सासू मां जल्द ही उसका साथ छोड़ कर चल … Read more

दिन में तारे दिखाई देना – कान्ता नागी : Moral Stories in Hindi

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अम्मा जी ने बड़ी मुश्किल से अपने पोते गोपी को पढ़ा रही थी।गोपी उनके खानदान की आखरी निशानी थी। एक एक करके अम्मा जी के पति राधे जी पहले बीमारी के कारण चल  बसे।बेटा बहू रेल दुर्घटना मे मारे गये। अब केवल पोता गोपी ही बचा था। अम्मा जी मेहनत मजदूरी करके उसे सरकारी विद्यालय … Read more

छोटी सी लापरवाही !! – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

New Project 95

बापू चरण स्पर्श ट्रेन का समय हो गया चलता हूं अपना ख्याल रखियो आंख वाली दवाई डालते रहना  तुम्हारी आँख का इलाज बाकी रह गया है… किसना ने सुबह सुबह ही खेत की तरफ जा रहे पिता के पैर छूते हुए कहा तो जाते हुए कदम पिता के थम से गए। देख बेटा आराम से … Read more

बेटा मुझसे तो नहीं होगा – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

New Project 95

“माँ एक कप चाय बना कर दे दो ।” अपने कमरे में काम करते हुए रितेश ने सुभद्रा जी से कहा  “ अभी बनाती हूँ ।” सुभद्रा जी ने कह तो दिया पर आज उनकी हालत ख़राब हो चुकी थी दिन में तारे दिखाई देने लगे थे मन कर रहा था काश मैं चुप ही … Read more

दिन मे तारे गिनना – कांता नागी : Moral Stories in Hindi

New Project 96

सीमा माता-पिता की इकलौती संतान थी।घर मे ऐशो आराम के सब साधन होते हुए भी ना जाने कैसे उसमें चोरी करने की लत लग गई थीं। जैसे-जैसे बड़ी होती गई इसकी आदत बढ़ती ही गई। स्कूल मे भी किसी के पास कोई अच्छी चीज दिखाई देते ही इतनी सफाई से चोरी करती कि किसी को … Read more

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