रोते रोते बस अपनी किस्मत को कोसे जा रही थी – स्वाती जितेश राठी : Moral Stories in Hindi

New Project 89

नन्हीं खुशबू का एक ही सपना था। उसे पहाड़ पर चढ़ना था लेकिन व्हीलचेयर पर बैठी खुशबू ये भी जानती थी कि ये सपना कभी पूरा नहीं होगा। लेकिन वो सपने ही क्या जो पूरा होने की ज़िद ना करे……रात दिन एक ही सोच कैसे करूँ अपना सपना पूरा। जुझारू तो बचपन से थी पर … Read more

प्यार में धोखा – पुष्पा पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

New Project 91

सीमा बहुत परेशान थी। तीन दिन से कमली नहीं आ रही थी। फोन भी नहीं उठा रही थी। आज पड़ोसी की बाई से बात कर ही रही थी कि उधर से आती दिखाई  दी। “अरे, तुम तीन दिन से कहाँ थी? फोन भी नहीं उठा रही थी?” कमली कुछ बोली नहीं चुपचाप घर के अन्दर … Read more

“ठोकर” – कविता भड़ाना : Moral Stories in Hindi

New Project 58

प्रिया  #रोते रोते बस अपनी किस्मत को ही कोसे जा रही थी, आखिर ऐसा क्या पाना था, जिसकी चाहत में आज वो अपना सब कुछ गवा बैठी है…  माता पिता की लाडली बिटिया प्रिया, अपनी खूबसूरती और अच्छे व्यवहार से किसी का भी दिल जीत लेती थी, मगर कॉलेज में आते आते, गैर धर्म के … Read more

*नयी सुबह* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 49

अरे, बहन तुम तो प्रैग्नेंट हो,कैसे ऊपर की बर्थ पर चढ़ोगी,तुम्हे कोशिश भी नही करनी चाहिये।देखो मेरी बर्थ नीचे वाली है, तुम इस पर लेट जाओ,मैं ऊपर चली जाती हूँ।      बहन जी आपकी बड़ी मेहरबानी, मैं कहते झिझक रही थी।      आपके पति साथ नही आये।आपको सामान आदि रखने उठाने में परेशानी नही होगी क्या?         मैं … Read more

कोई मुझे प्यार नहीं करता – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

New Project 42

मेरी तो किस्मत ही काली स्याही से लिखी गई है..कितना भी कर लूं किसी के लिए कोई मुझे प्यार नहीं करता…नेहा रोते रोते बस अपनी किस्मत को कोसे जा रही थी…सहेली रिया उसे समझाते हुए बोली – “नेहा हो सकता है तेरा सोचने का तरीका गलत हो..तुझे किसी का प्यार दिखाई ही नहीं देता हो।” … Read more

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