“इंतहा स्वार्थ की” – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

New Project 38

“देखो बेटा। मैं अब अगले महीने रिटायर होने वाला हूँ। बहुत दिनों से अम्मा के मोतियाबिंद का आपरेशन टाल रहा था कि ऑफिस से छुट्टी पाऊंगा तो आराम से करा दूंगा। घर का खर्च तो मेरी पेंशन में जैसे तैसे हो ही जाएगा। मैं ये चाहता हूँ कि तुम भी अब घर के खर्चे में … Read more

अगले जन्म मोहे बिटिया ना कीजो – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 78

कितना अरमान था श्रुति को पढ़ लिख कर डॉक्टर बनेगी अपने मम्मी पापा का नाम रोशन करेंगी उनके जीवन में जो बेटे की कमी है वो पूरी करेगी। अपनी दोनों बहनों का सहारा बनेगी। कितना कुछ चाहता है इंसान पर चाहा हर बार पूरा हो ये ज़रूरी तो नहीं होता। क्योंकि जिंदगी का नाम ही … Read more

यही जीवन की सच्चाई है – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 63

उमा ,,उमा उठो … देखो शायद दरवाजे पर कोई खड़ा है … जी आपको तो पता है ना… मेरी तबीयत ठीक नहीं है… आप ही जाकर देख लीजिये कौन है… हो सकता है ऐसे ही बच्चे हो कोलोनी के… वह भी दरवाजा खटखटा के चले जाते हैं… उमा जी फिर करवट कर लेट गई … … Read more

“ मेरी बहु लाखों में एक है” – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 95

अरे भाभी… तबीयत कैसे खराब कर ली? लगता है शादी की भाग दौड़ में ज्यादा थकान हो गई है पर अब तो शादी हुए भी एक महीना हो गया लगता है बैठे-बैठे खाने की आदत हजम नहीं हो रही, भई तुम ठहरी इतनी कामकाजी अब बहू के हाथों की गरमा गरम रोटियां और आराम सेवा … Read more

ये जीवन का सच है – पूनम : Moral Stories in Hindi

New Project 58

राधिका ने कमरे के कोने में रखी चुप्पी के बीच अपने हाथों को घुटनों पर रखा और गहरी सांस ली।  घर में जैसे एक सन्नाटा पसरा हुआ था, और उसकी सास, मीना देवी, एक कोने में बैठी टीवी देख रही थीं। राधिका ने महसूस किया कि बीते कुछ महीनों से घर का माहौल एकदम ठंडा … Read more

आहत ना करें – प्रियंका सक्सेना : Moral Stories in Hindi

New Project 100

हमारी कॉलोनी में बरसों से एक धोबिन आती है। सभी पुराने लोग यानि जो स्थायी निवासी हैं वो उसी धोबिन से कपड़े प्रेस करवाते हैं। हमारे घर में भी बचपन से उन्हें ही आते देख रही हूँ। शुरू से ही मौसी कहती आई हूँ। मौसी दिन भर प्रेस करती हैं। इसके लिए सुबह घर घर … Read more

उसका फैसला – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 99

उसूल था उसके जीवन का …”जब तक असमर्थ न हो किसी को तकलीफ न दो । पर नियति भी सबके हिसाब से कहाँ चलती है ।  हाथों में मेहंदी , भर हाथ चूड़ियाँ, सुंदर गुलाबी सिल्क साड़ी, पावँ में महावर, पायल और बिछुए ..उम्र के जिस मोड़ पर थी वो स्वाभाविक चमक आ जाती है … Read more

मेहमान – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

New Project 36

वो कड़कड़ाती सर्दियों की एक आलसभरी सुबह थी,आलस इस सेंस में कि रजाई से हाथ बाहर निकले तो बर्फ की तरह जमने लगे और वापस रजाई के अंदर ही घुसने का मन करे,और मजबूरी ये कि पतिदेव के आफिस जाने का समय तो नियत ही होता है ना!माघ मास की ठंड में सूरज भगवान निकलना … Read more

“जाने कहाँ गए वो दिन” – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

New Project 65 1

देविका जी उम्र के आठवें शतक में अपने आलीशान मकान के बरामदे में अकेली बैठी बाहर होती घनघोर बारिश देख रही थी!बिजली चमकने और बादलों की घड़घड़ाहट से उनका बूढ़ा शरीर डर के मारे रह रह कर कांप जाता! आंघी की वजह से लाईट भी चली गई थी! बैठे बैठे उनका मन अतीत के गलियारे … Read more

ये जीवन का सच है – वीना : Moral Stories in Hindi

New Project 66

पढ़ने की बहुत लालसा थी मन में पर समझ नहीं आ रहा था कि आगे की पढ़ाई कैसे करूंगी। जिस कस्बे या कहूं तो छोटे शहर से थी मै वहां बारहवीं के बाद पढ़ने के लिए कोई अच्छा कॉलेज नही था । मेरी ईच्छा को देख पापा ने कहा कि मेरे  चाचा का लड़का दिल्ली … Read more

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