मोहताज – रेखा जैन : Moral Stories in Hindi
“इस बार फिर से नमन ने 4000 रुपए ही दिए है। इसमें हम दोनों पूरा महीना कैसे निकालेंगे? घर खर्च के अलावा हमारे अपने कुछ खर्चे नहीं है क्या? छोटी छोटी जरूरतों के लिए उसके आगे हाथ फैलाना अच्छा नहीं लगता!” शोभा जी अपने पति महेंद्र जी से कह रही थी। उनके परिवार … Read more