मैं तो बेटी के मोह में बहू के साथ बहुत ग़लत किया – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

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खबरदार जो घर में पांव रखा, चली जाओ यहां से इस घर में तुम्हारे लिए कोई जगह नहीं है। मम्मी समझाओ न दीक्षा और रक्षा को मैंने नीतू से शादी की है और अब ये तुम्हारी बहू है।कैसी बहू और किसकी मर्जीसे शादी की है । बिना मेरी और घर के लोगों के मर्जी के … Read more

मैं बेटी के मोह में सही-गलत का फर्क भूल गई थी। – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T104905.495

जागृति एक विधवा महिला थी। कुछ वर्ष पहले एक दुर्घटना में उसके पति की मृत्यु हो गई थी। उस समय से उसकी जिन्दगी में सन्नाटा छा गया था। उसकी जिन्दगी मरूभूमि की तरह बंजर हो गई थी। उसके जीने का एक मात्र सहारा उसकी इकलौती संतान उर्वशी ही थी।उसकी वजह से ही उसके जीवन का … Read more

मैं बेटी के मोह में सही गलत का फर्क भूल गई – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

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जब से सुमन की शादी तय हुई है सरिता उसके पीछे पड़ गई थी कि इतने बड़े घर में तेरा ब्याह हो रहा है मुझे डर लग रहा है कि तुम वहाँ कैसे रह पाओगी । सुमन- माँ वे भी इनसान ही हैं और अच्छे लोग हैं आप तो ऐसे कह रही हैं जैसे मैं … Read more

बेटी के मोह में पढ़ कर सही गलत का फर्क करना भूल गई थी। – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

New Project 65 1

कल शाम से चुलबुली नंदिता ने घर  को अधर कर रखा था। भाग भाग कर काम कर रही थी ।उसकी ननद शेली अपने पति  और बच्चो के साथ नंदिता की शादी के बाद पहली बार आ रही थी। हालाकि शादी को साल भर हो गया था पर लोकेडाउन की वजह से किसी का आना जाना … Read more

खुशी के आँसू! – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

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“बेटी के मोह में सही-गलत का फर्क भूल गई थी” समाज तो यही कहता था उसे। पर आज सबकुछ सिर्फ सही हुआ है।  अतीत में डूबती चली गई आँसू। न जाने क्या सोचकर माँ-बाप ने नाम आँसू रखा था। माँ बाप की दूसरी बेटी थी, शायद बेटे की चाह होगी,…और हो गयी आँसू। हमेशा आंसू … Read more

मैं बेटी की मोह में सही -गलत भूल गई। – शैलेश सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 83

रत्ना नाम था उस प्यारी सी बहु का। वर्मा जी के घर जब वो बहु बनकर आई तो ऐसा लगा जैसे घर में रत्नों की बहार आ गई। एक निजी कंपनी में कार्य कर रहा उनका लड़के भावेश का अचानक प्रोन्नति हुआ और वो मैनेजर बन गया। सभी ने माना कि घर मे लक्ष्मी के … Read more

हत्या – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

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आज सारी रात सुनीता एक पल के लिये भी सो नहीं पाई। उसको समझ में नहीं आ रहा है कि वह अब क्या करे? उसकी तो सारी पूॅजी ही लुट गई। किसी को बता भी नहीं सकती और बताये बिना गुजारा भी नहीं है। आज नहीं तो कभी तो सबको पता चलेगा ही, तब वह … Read more

मैं बेटी के मोह में सही गलत का फर्क भूल गई – डा. शुभ्रा वार्ष्णेय : Moral Stories in Hindi

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लगातार टेलीफोन घनघना रहा था। अपने अपने मोबाइल होने के कारण घर का पीएनटी फोन बाहर रख दिया था और आज समय सुबह 4:00 बजे ही बचते हुए यह किसी प्रबल आशंका की तरफ सूचित कर रहा था। घुटने के दर्द के कारण सुशीला देवी को उठने में दिक्कत हो रही थी तो उन्होंने पास … Read more

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