मन का रिश्ता – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi
“परी, तुम्हें पता है ना! मुझे सिर्फ तुम्हारे हाथ का गर्म खाना अच्छा लगता है। फिर भी तुम इतनी देर से आई। जो लंच तुम सुबह पैक करके देती हो, वह तो मैं ऑफिस में ठंडा ही खा लेता हूं। मैंने कभी शिकायत की क्या? पर यार, मुझे ब्रेकफास्ट और डिनर तो गर्म ही चाहिएं। … Read more