दोनों ही ज़िद्दी हैं – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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    ” मालकिन…ये देखिये…अंशुल भईया का अखबार में फोटू छपा है और उनके बारे में भी कुछ अच्छा लिखा है।” घर का ड्राइवर सुशील उमा जी को अखबार दिखाते हुए बोला।   ” ला…दिखा तो…।” बेटे का नाम सुनकर वो चहक उठी थीं।अखबार लेकर उन्होंने पास बैठे अपने पति रमाकांत जी को बेटे की तस्वीर दिखानी चाही … Read more

मनमुटाव – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

New Project 35

आज पांच दिनों बाद… कुसुम घर से निकलने को हुई तो पीछे से पापा की गरजती आवाज ने… उसके अंतर को हिला कर रख दिया… ” सोच लो कुसुम… आखिरी बार… एक बार उस दिशा में कदम बढाकर… वापस घर आने की सोचना भी नहीं… समझो घर के रास्ते बंद हो गए…!”  कुसुम के पैर … Read more

पूर्वाग्रह – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

New Project 37

आज राखी का त्यौहार था। हंसी खुशी दोनों बहनों ने भाई-भाभी के राखी बांधी। और भाभी निशि  ने पैर छुते हुए गिफ्ट के पैकेट पकड़ा दिए।फिर  बोली दीदी खोल कर तो देखो।   दोनों बहनों ने पैकेट खोला। यह क्या सोच रहीं थीं कि साडी के नाम पर कलंक ऐसी साडी थी किन्तु प्रत्यक्ष बोलीं निशि … Read more

किसी को तो बदलना पड़ेगा – रोनिता : Moral Stories in Hindi

New Project 38

बहू…! आज खाना मिल जाएगा क्या..? 1:30 बज गए हैं… तुम्हें नहीं पता मुझे दवाई भी लेनी होती है..? कमला जी ने आवाज लगाई, तभी अंदर से रागिनी अपने 8 महीने के बेटे बबलू को लेकर बाहर आई… बबलू रोए जा रहा था और रागिनी उसे थपकी देते हुए कमला जी से कहती है… मम्मी … Read more

मनमुटाव – श्वेता सोनी : Moral Stories in Hindi

New Project 66

अर्पिता जल्दी-जल्दी काम निपटा  रही थी.जब से वह खबर सुनी थी.. खबर क्या, थी तो अपने घर की ही बात मगर मन को बेचैन और परेशान करने वाली बात थी. मम्मी के पास जाने की हड़बड़ी में कहीं बर्तन गिर रहे थे,कहीं सब्जी काटते हुए हाथ कट रहा था,, टंकी से पानी जाने कब से … Read more

मनमुटाव – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

New Project 67 1

जयराम सुबह बैठक में बैठकर पेपर पढ़ रहे थे और सुवर्णा के हाथों की बनी चाय का इंतज़ार भी कर रहे थे । उसी समय उनकी छोटी बेटी मीरा धड़धड़ाते हुए अंदर घुस कर मम्मी मम्मी की रट लगाते हुए रसोई में घुस गई अंदर से दोनों माँ बेटी के बातें करने की आवाज़ें सुनाई … Read more

इतनी बेरुख़ी क्यों ….? – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

New Project 68

“एक तो ज़बरदस्ती की शादी ,उस पर ऐसा बेरुख़ी भरा व्यवहार…. ये तो ऐसा लगता जैसे किसी को जीते जी मारा जा रहा हो…. बता ना मैंने कहा था क्या अपने घर की बहू बना कर लाओ… खुद ही आई थी मेरा हाथ माँगने तिस पर मेरे मम्मी पापा को भगवान जाने कितने सुहाने सपने … Read more

परहेज – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

New Project 69

अनीशा का दिल आशंकाओं से घिर गया था लेकिन कोई अपराध बोध नहीं था उसे। बात बस इतनी हुई कि आज लड़के वाले उसे देखने आए थे।हालांकि इस तरह देखना दिखाना जैसी बातों से वह परहेज ही करती थी लेकिन पिता के बहुत समझाने पर अनिकेत से एक अनौपचारिक मुलाकात अपने ही घर पर माता … Read more

टूटता विश्वास,बिखरता रिश्ता – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 2

सड़क पर आज प्रेमा को किसीने आवाज़ दी तो वो पलटी…ये कौन हैं,चेहरा देखा भाला लगा,आवाज भी सुनी हुई सी पर कौन हैं,नाम न याद आ पाया। “नहीं पहचाना?”वो बोले,” मै मिस्टर पुरोहित,आपका पड़ोसी,हम द्वारका में संग रहते थे।” “ओह!आकाश पुरोहित भाईसाब!” प्रेमा के मुंह से निकला,”आप तो एकदम बदल गए,कहां इतने रोबीले लगते थे,यूनिफॉर्म … Read more

ग्लानि – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

New Project 11

चाची….. कुछ सुनाई नहीं दे रहा… ज़ोर से बोलिए…. घर में सब ठीक है ना….. ओह … यहाँ बहुत शोरगुल है…. चाची … रूकिए ज़रा, मैं ऊपर कमरे में जाती हूँ…..  हाँ चाची….. अब बोलिए…. सब ठीक है ना? यहाँ सब रिश्तेदार, पड़ोसी आदि आए हैं…. असल में…. बिट्टू भैया का यही पास के  कस्बे … Read more

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