मतभेद तो हर घर में होते हैं। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 2

मम्मी, शाम को हम दुलारी ताई जी के यहां चलेंगे, बहुत महीने हो गये है, उनसे मिलना नहीं हुआ, फोन पर तो मै उनके हाल पूछ लेती हूं,” माही खुश होकर बोली, और कमरे की खिड़की से उसने नजर डाली तो सामने वाले घर में कोई हलचल नहीं पाकर हैरान थी। मम्मी, “वो ताई जी … Read more

अब यही हमारा घर हैं !! – स्वाति जैन : Moral Stories in Hindi

New Project 77

मुरली प्रसाद जी बैठे बैठे कविता लिख रहे थे कि उन्हे अपनी बहू राखी की आवाज सुनाई दी जो उनके बेटे कमल से कह रही थी देखा कैसे बैठे बैठे तुम्हारे बाबुजी ने खर्चा करवा दिया हमारा , मैं तो परेशान हो गई हुं इनसे , मुझसे नहीं होने वाली इनकी सेवा वेवा , पहले … Read more

मतभेद – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

New Project 36

प्रशांत और भवानी के तीन बच्चे थे । दो बेटे सुभाष और शरत एक बेटी शालिनी । प्रशांत रेवेन्यू डिपार्टमेंट में क्लर्क थे । पति पत्नी का एक ही मक़सद था कि बच्चों को अच्छे संस्कार देना और खूब पढ़ाना । उन्होंने बच्चों को बहुत पढ़ाया बड़ा बेटा सुभाष ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और … Read more

मतभेद – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 46

तुनकमिजाज सरिता का मायके में एक सप्ताह में दूसरा चक्कर था , ससुराल लोकल था ,सो थोड़ा सा भी कुछ ऊपर नीचे होता , तुरंत मायके आ धमकती। शुरू शुरू में तो मां ने सोचा कि अभी शादी को दो ही महीने हुए हैं कुछ समय बाद ससुराल में रच बस जायगी।लेकिन आज उसको देख … Read more

जहरी – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

New Project 80

कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनको दूसरों के मामलों में टांग अढ़ाने की आदत होती है और कुछ लोग इधर की बात उधर करने में माहिर होते हैं और वह भी मिर्च मसाला और चाट मसाला डालकर। ऐसी ही औरत थी जहरी देवी।  उनके घर के सामने वाले घर में सुशीला और प्रमिला रहती थी। … Read more

दूरदर्शन वाला प्यार – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 39

कन्नू ओ कन्नु कहां जा रहा है मायके आई सुषमा ने अपने बेटे कनिष्क को आवाज लगाते हुए पूछा तो कन्नु बोल क्या मां यहां नानी के घर भी आपकी पहरेदारी चलती रहेगी क्या ? गर्मियों की छुट्टियां हैं और यहां लाइट भी कितनी कम आती है कैसे मन लगेगा? मैं बस पड़ोस वाली तन्वी … Read more

प्यार के दो चार दिन – निभा राजीव “निर्वी” : Moral Stories in Hindi

New Project 65 1

प्रशांत ने जैसे ही कार्यालय में प्रवेश किया प्रतिदिन की भांति सदानंद बाबू उसे देखकर मृदुलता से मुस्कुरा दिए।  सदानंद बाबू इस कार्यालय के सबसे वरिष्ठ कर्मचारी थे। अब सेवानिवृत होने में उन्हें बस 4 महीने बचे थे, इसलिए कार्यालय में सभी उनका बहुत सम्मान करते थे। और उनका व्यवहार भी सभी के प्रति बहुत … Read more

मतभेद – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

New Project 78

हर रिश्ते में मतभेद और गलफहमियाँ होती हैं।कुछ लोग बीच में पड़कर उस मतभेद को बढ़ावा देते हैं,परन्तु अगर थोड़ी सूझ-बूझ से काम लिया जाएँ,तो मतभेद को दूर कर सम्बन्ध को फिर से सँवारा जा सकता है। मीता और नीता जुड़वा बहनों में बचपन से ही मतभेद रहा है।थीं तो दोनों जुड़वाँ,परन्तु दोनों एक-दूसरे के … Read more

मैं अपराजिता – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 88

अपराजिता एक जिंदगी को भरपूर जीने वाली एक अल्हड़ लड़की जिसके लिए अपने सपने जितने जरूरी थे उतना ही जरूरी था परिवार का साथ और खुशी। पर उसकी खुशियों को लगता था किसी की नजर लग गई। क्या हुआ था ऐसा जानने के लिए चलते हैं कुछ समय पहले… “बेटा तुम्हारी पढ़ाई भी लगभग पूरी … Read more

मतभेद जरूर हैं पर मनभेद नही – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

New Project 91

रीना और रमेश की अरेंज कम लव मैरिज थी। दोनो एक ही कंपनी में साथ काम करते थे , एक ही जाति बिरादरी से थे, एक दूसरे को पसंद करते थे तो घर वालों की सहमति से दोनो की शादी बड़े धूमधाम से संपन्न हो गई ।  शादी के एक साल बाद रीना को बेटा … Read more

error: Content is Copyright protected !!