बेटी अब से ससुराल ही तेरा घर है अब तो तू यहां की मेहमान है – मनीषा सिंह। : Moral Stories in Hindi

New Project 78

स्टेशन छोड़ते ही गाड़ी धीरे-धीरे तेज होती जा रही थी ज्यों -ज्यों गाड़ी तेज रफ्तार पकड़ रही थी त्यों -त्यों सरस्वती की आंखों से मां-बाप ओझल होते जा रहे थे। आशु थमने का नाम नहीं ले रही थी मन मारकर अपनी सीट पर जाकर बैठ गई।   अपनी और बच्चों की छुट्टियां खत्म होने के बाद … Read more

बेटी ससुराल ही अब तेरा घर है , यहां की तो तू मेहमान है – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 83

आज सुबह सुबह मालती जी का बेटा मनन पाँच दिन के लिए टूर पर निकल गया,बहू सुमन ने अपनी सासूमां से कहा , मम्मी जी आजकल एक बहुत अच्छी मूवी लगी है ,क्यों न हम दोनों आज मूवी देख कर आऐं पापाजी के लिए उनकी पसंद का खाना मैंने तैयार कर दिया है और उनसे … Read more

मायके की मेहमान – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

New Project 86

निमिषा बहुत ही सुन्दर हँसमुख एवं खिलंदड़ स्वभाव की थी। वह अपने में ही मस्त रहती एवं किसी भी काम की चिन्ता नहीं पालती। जब उसे करना होता  तभी करती। हमेशा हँसती मुस्कराती रहती और  दूसरों को भी हँसाती रहती। अपने दोस्तों की बीच वह सबकी चहेती  थी। सबको हंसाती, बातें करने में कोई उसका … Read more

बेटी अब ससुराल ही तेरा घर है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

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दो साल की छोटी सी मोनू का उंगली पकड़े सोनल चली जा रही थी विचारों में गुमशुम । क्या है एक बेटी का जीवन क्यों शादी होते ही वो घर पराया हो जाता है जहां वो पैदा हुईं,खेली खाई बचपन बीता , मां बाप के साए में महफूज रही कोई तकलीफ़ नहीं । क्यों इतनी … Read more

बेटी अब से ससुराल ही तेरा घर है…. – सबीहा परवीन ” सबीह” : Moral Stories in Hindi

New Project 39

श्रद्धा तीन बहनों में सबसे बड़ी थी। सबसे ज्यादा लाडली, समझदार और संस्कारो से भरी पूरी थी। श्रद्धा की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी और वो पिछले एक साल से किसी प्राइवेट स्कूल में जॉब कर रही थी। बाकी की दोनों बहने पढ़ाई कर रही थी। श्रद्धा की पढ़ाई हो चुकी थी इसलिए माता पिता … Read more

हमेशा बना रहे बेटी का घर – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

New Project 40

“बेटी अब से ससुराल ही तेरा घर है अब तो तू यहाँ की मेहमान है “ जैसे ही ये बात सरला ने रोते रोते अपनी बेटी की विदाई के वक़्त कही वही पास में खड़ी सुलोचना जी रोना भूल ग़ुस्से में सरला से बोली,” ये क्या सीखा रही है बहू…कुहू का ये घर वैसे ही … Read more

बेटी अब ससुराल ही तेरा घर है , अब तो तू यहां की मेहमान है – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

New Project 45

सुनयना ग़ुस्से से राघव को घूरते हुए कहती है कि सुबह से लेकर रात को सोने तक नाश्ता लंच शाम को स्नेक्स रात को डिनर यही मेरा काम हो गया है ।  आप तो रिटायर होने के बाद आराम से पुस्तक पढ़ते हुए फोन पर बातें करते हुए गानों को सुनते हुए रेस्ट ले रहे … Read more

बेटी अब ससुराल ही तेरा घर है , अब तो तू यहां की मेहमान है – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

New Project 46

आँखों में आंसू भर कर अपने घर को जाने के लिए गाड़ी में बैठ चुकी थी निर्जला , उस घर जहाँ की वो मेहमान नहीं बल्कि मालकिन थी।  जैसे जैसे गाड़ी आगे बढ़ रही थी , निर्जला से पीछे छूटता जा रहा था वो घर जहाँ अब वो सिर्फ मेहमान समझी जाती थी और नज़दीक … Read more

बेटी अब से ससुराल ही अब तेरा घर हैं अब तू यहॉँ की मेहमान हैं – कविता सक्सेना : Moral Stories in Hindi

New Project 48

सिया की शादी की तैयारी चल रही थी उसके पिता रवि और माँ रंजना अक्सर लड़के देखने जाते थे सिया से आकर कहते तो वो हर लड़के में कमी निकालती कभी कहती लड़के की हाइट कम हैं कभी कहती मोटा हैं उसकी हरकतों से माता पिता परेशान थे जब भी वह उससे शादी की बात … Read more

बेटी का घर- दिक्षा बागदरे : Moral Stories in Hindi

New Project 63

रागिनी पिछले दो दिनों से बहुत परेशान थी। उसे यह समझ ही नहीं आ रहा था, उसे अत्यधिक प्रेम करने वाली मां का व्यवहार इतना कैसे बदल गया। पिछले दो दिनों से प्रतिभा जी रागिनी से ठीक से बात तक नहीं कर रही थी। आज तो मां के शब्द उसके कानों में सीसे की तरह … Read more

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