कल की आई – अन्नु गोन्द : Moral Stories in Hindi

New Project 70

“सुजाता ओ सुजाता जल्दी आओ, देखो मयंक हम सब को छोड़ कर जा रहा है”- दीनानाथ चिल्लाते हुए पत्नी सुजाता को बुलाया रहे थे । दीनानाथ जी की आवाज सुन सुजाता जी कमरे से बाहर आ गई | बाहर आकर उन्होंने जो घर का नजारा देखा तो उनकी आँखों को विश्वास नहीं हुआ । बाहर … Read more

मार्गदर्शन – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

New Project 87

पारो !  क्या हो रहा था बराबर वाले घर में सुबह- सुबह….  मेरी जेठानी की  ऊँची- ऊँची आवाज़ें आ रही थी कि  बेटा , इतने जतनो से पाला और इस कल की आई के लिए हमें छोड़कर जा रहा है ।  अमित कहीं चल पड़ा या सुमित  ? अच्छा हुआ…. इनके साथ ऐसा ही होना … Read more

बेटे की चाहत – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

New Project 89

विधी एक के बाद एक तीन बेटियो की मां बन गई।तीसरी बेटी के जन्म के समय वह जरूर मायूस हुई कि भगवान एक तो बेटा दे देते जो मेरा परिवार पूरा हो जाता खैर जैसी तेरी इच्छा प्रभू जो दिया वह सहर्ष स्वीकार है और वे मनोयोग पूर्वक अपनी तीनों परियों सी सुंदर बेटियों के … Read more

बेटा इतने जतनो से पाला पोसा और इस कल की आई के लिए हम सब को छोड़ कर जा रहा है। – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

New Project 97

सीमा जी बहुत  दुखी थी। अपने बेटे अमित और बहु रीटा से ।कुछ दिनों से ठीक से बात  तक नहीं कर रही थी । अमित आया और बोला मां,गुस्सा छोड़ो और हमको अपना आशीर्वाद दो ।सीमा जी ने देखा बड़ा सा बैग लिए बिल्कुल तैयार हो के अमित आया था।उसके पीछे , रीटा भी पिट्ठू … Read more

आँचल की छाँव – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 37

  चौंसठ वर्षीय कमला जी के शरीर में आज गजब की फ़ुर्ती थी।सुबह से ही वो कभी चंदा को कहतीं कि दीपक के कमरे में फूल वाली प्रिंटेड चादर बिछा देना तो कभी माली को कहती कि गुलदस्ता बढ़िया बनाना।आज उनका दीपक आ रहा है, फ़ोन पर उसने चार बजे तक आने को कहा था..उनकी तो … Read more

“बेटा प्यारा पर बहू क्यों नहीं?” – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 45

पूजा.. अपनी मम्मी जी से इस तरह की बात करने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई, मम्मी ने सिर्फ यही तो पूछा है की शाम को खाने में क्या बनाओगी उस पर इतना ऊंची आवाज में बात करने की की कहां जरूरत पड़ी थी? पापा… आपको हमेशा हर बात में फिर मम्मी ही सही दिखाई देती … Read more

इतने जतनो से तुम्हे पाला पोसा और कल की आई छोकरी के लिए तुम हमको छोड़ कर जा रहे हो? – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

New Project 59

मम्मी अभी तक सोई नहीं? अनु ने पूछा राधिका तकिए को पलंग के सिरहाने लगा बैठ गई और बोली ” नहीं अभी का नींद आखों में घुलती है,? दिनभर तो छोटे मोटे काम ही तो करती हु थकान नहीं होती तो नींद भी अकड़ दिखाती है। अनु मुस्कुराकर पास ही बैठ गया और मम्मी के … Read more

आत्मग्लानि – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

New Project 56

—————————- बेटा इतने जतनो से पाला पोसा और इस कल की आई के लिए तू हम सब को छोड़कर जा रहा है?     जतिन ने पीछे मुड़कर अपनी मां की तरफ देखा, भाभी भी भतीजे को गोद में उठा निर्विकार रूप से जतिन की ओर देख रही थी और पिताजी को पूरी उम्मीद थी की हमेशा … Read more

संस्कार – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

New Project 77

मोबाइल की घंटी  बजते ही रसोई घर  से निकलते हुए   मधुमिता जी ने काव्या को आवाज लगाई ,जरा देखो किसका फोन है ?  ये लड़की भी हमेशा कानों में ईयर फोन लगाए रहती है, सुनती ही नहीं ।  फोन पर राज था ,   उसकी आवाज़ सुनकर  मां की आवाज़ बदल गई , उसने … Read more

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