दस्तक – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi
देखो रामू अब तुम बुढियापे भी गये हो और सटिया भी गये हो अब तुमसे कोई काम ढंग से नही होता है।अच्छा है अब तुम घर बैठो। छोटे बाबू सारी उम्र तो आप लोगो के साये में गुजार दी,अब कहाँ ठौर है?अब जितनी जिंदगी पड़ी है,यही गुजार दूंगा, बाबू।कोशिश करूंगा अब काम ठीक ढंग से … Read more