दस्तक – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 91

    देखो रामू अब तुम बुढियापे भी गये हो और सटिया भी गये हो अब तुमसे कोई काम ढंग से नही होता है।अच्छा है अब  तुम घर बैठो।          छोटे बाबू सारी उम्र तो आप लोगो के साये में गुजार दी,अब कहाँ ठौर है?अब जितनी जिंदगी पड़ी है,यही गुजार दूंगा, बाबू।कोशिश करूंगा अब काम ठीक ढंग से … Read more

घर में जगह – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

New Project 91

“ आपको जो भी बोलना है सबके सामने बोलो…. सबको जानना ज़रूरी है आख़िर हम भी इस घर का हिस्सा है…. सबकी तरह हमारे भी हक है।” राशि आज चुप रहने के मूड में ज़रा भी नहीं लग रही थी निकुंज मिन्नतें कर कर के थक गया था पर उसकी आवाज़ तेज हुई जा रही … Read more

हमें भी अपनाओ – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 91

” बधाई हो बधाई ललना ने जन्म लिया बधाई हो बधाई !” आँगन मे किन्नरों ने नाचना शुरु कर दिया था । नाचते भी क्यों ना आखिर पांच साल बाद मुस्कान ने बेटे को जन्म दिया था । बहुत खुश थी मुस्कान की सास शर्मिला जी पर साथ ही तनाव मे भी थी क्योकि किन्नरों … Read more

बड़ा दिल – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

New Project 91

सुवर्णा ऑफिस से आते समय अस्पताल में भर्ती हुई अपनी सहेली मीनल को देखने गई थी । सुबह घर से निकलते समय ही उसने प्रदीप को बता दिया था कि वह थोड़ी देर से घर पहुँचेगी क्योंकि उसे मीनल को देखने अस्पताल जाना है । प्रदीप और सुवर्णा में अच्छी तालमेल है दोनों मिलकर बच्चे … Read more

क्षमादान – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi

New Project 98

घर के सभी लोग वीरेंद्र जी के कमरे में उपस्थित थे वीरेंद्र जी की पत्नी सविता,उनका बड़ा बेटा मंयक,उसकी पत्नी पुष्पा, वीरेंद्र जी की बेटी रीता इन सबके चेहरों पर शर्मिंदगी साफ दिखाई दे रही थी उसी कमरे में वीरेंद्र जी का छोटा बेटा रवि और उसकी पत्नी गुंजन भी थे गुंजन के चेहरे पे … Read more

इतना बड़ा दिल तो एक मां का ही हो सकता है – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 99

“बेटा महंगाई दिन ब दिन आसमान छू रही है ऊपर से तेरी बेटी भी बड़ी हो रही है उसकी शादी भी करनी है तुझे। तू मेरी फिक्र मत कर मैं यहां बहुत खुश हूं अपना ख्याल रखना । यहां मेरे जैसे कितने ही लोग हैं एक दूसरे की बातें सुनकर दिन कब निकल जाता है … Read more

बड़ा दिल – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

New Project 38

नीलम ! कल जब तू यहाँ से उठ के चली गई थी तो तुम्हारी मम्मी का फ़ोन था ना ? सब ठीक- ठाक तो है? हाँ माँ…. सब ठीक है, मैंने सोचा कि शायद मम्मी मकर- संक्रांति की कोथली के बारे में बात करेंगी …इसलिए उठकर बाहर चली गई पर वे तो वैसे ही फ़ोन … Read more

संगम पर संगम – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 40

अपने पति के साथ कुंभ नहाने आई मुग्धा अचानक सामने बैठी बुजुर्ग स्त्री को देखकर ठिठक गई, वह सावित्री देवी लग रहीं थी, हां हां वह वही तो है… उसने अपने मन में सोचा ये तो सावित्री देवी ही है जिन्हे मै माताजी कहते नहीं थकती  थी और वह मुझे दुल्हन दुल्हन कहते। मुझे इतना … Read more

हां, हम औरतें होती हैं अजीब… – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

New Project 39

  आज बाथरूम से नहाकर निकलने पर रीमा को चहकते देखकर निशांत हैरान होकर बोला ‘क्या बात है भई आज तो सुबह-सुबह ही चेहरे से खुशी का नूर टपक रहा है? कुछ खास ही है नहीं तो इस समय तो तुम काम के प्रेशर में बिफरी ही दिखती हो’ रीमा चहकते हुए आइने के समक्ष जा … Read more

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