एक फ़ैसला – बेला पुनिवाला: Moral stories in hindi

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यशोदा जैसा नाम वैसे गुण और संस्कार, एक छोटा सा परिवार था, जिस में यशोदा उसके सास, ससुर, उसका पति और उसका बेटा जिसका नाम भी माधव ही रखा था, वह सब साथ में रहते थे, यशोदा अपने माधव से बहुत प्यार करती, अपने लाडले बेटे में जैसे उसकी जान बसी हुई थी, पूरा दिन … Read more

फैसला – निभा राजीव “निर्वी”: Moral stories in hindi

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रणधीर जी दौड़ भाग कर विवाह का सारा काम और प्रबंध देखने में पूरे मनोयोग से लगे हुए थे! खुशी उनके चेहरे से जैसे छलकी जा रही थी और होती भी क्यों नहीं, आखिर उनके इकलौती बिटिया नेहा का विवाह जो था। रिश्तेदारों से घिरी हुई सजी-धजी नेहा बिल्कुल आज जैसे देवी माँ का स्वरूप … Read more

अपाहिज – आराधना सेन: Moral stories in hindi

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वह खिडकी के पर्दे को जरा सा हटाकर देखी तो “वह लड़का आज भी खडा था उसकी नज़र इस खिडकी की तरफ ही थी “दीदी यह गणित नही समझ आ रही” एक छोटे से बच्चे की अवाज पीछे से आई।हम्म कौन वाली दिखाओ पूजा फिर बच्चो को पढ़ाने मे व्यस्त हो गई। दो घन्टे बाद … Read more

पति का फैसला – के कामेश्वरी: Moral stories in hindi

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सविता अपने माता-पिता की इकलौती बेटी थी । पिता सरकारी कर्मचारी थे इसलिए बहुत ही लाड़ प्यार से उसका पालन पोषण किया गया था । जैसे ही सविता की पढ़ाई पूरी हुई उन्होंने रितिक से उसकी शादी तय कर दी थी । रितिक खुद भी अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था । वे गाँव में … Read more

बहू से परेशान होकर जब सास पहुंच गई अपने मायके – स्वाती जैंन : Moral stories in hindi

New Project 91

ठंड बहुत बढ़ गई थी , अब सुनैना जी को उम्र अधिक होने के कारण खुद के काम भी नहीं हो पा रहे थे , वैसे भी सुनैना जी दिन भर घर में लगे बर्तनों का अंबार घसती रहती फिर भी बहू उमा उन्हें हर बात पर जलील किया करती !! उमा दिनभर अपने दोनों … Read more

एक फैसला आत्मसम्मान के लिए – सविता गोयल : Moral stories in hindi

New Project 89

  ” मम्मी जी, मैं सोच रही थी कल से से आफिस ज्वाइन कर लूँ …. वैसे भी नन्नू छह महीने का हो गया है …।,, वृंदा जी की छोटी बहु टीना ने अपनी बात घरवालों के सामने रख दी ।  ” हाँ, हाँ बहु …., वैसे भी मैं और कावेरी ( बड़ी बहु) तो हैं … Read more

फ़ैसला – निशा जैन : Moral stories in hindi

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“पिताजी मैं कितनी बार कह चुकी हूं मुझे अभी शादी नहीं करनी, मैने फैसला कर लिया है कि मैं  आगे पढ़ना चाहती हूं ,अपने पैरों पर खड़ी होने की योग्यता हासिल करना  चाहती हूं। क्या पता भविष्य में कब जरूरत पड़ जाए इस योग्यता की, कम से कम डिग्री तो रहेगी मेरे पास जो मेरे … Read more

एक नयी शुरूआत – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

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दिवाकर जी ने एक बार फिर करवट बदली,और सोने की कोशिश थी,लेकिन उनकी कोशिश पूरी तरह से नाकाम रही,लेकिन देखा जाय तो बिस्तर पर लेटे लेटे वे पूरी रात करबटें ही तो बदलते रहे थे. नींद उनसे किसी जिद्दी बच्चे की तरह रूंठी हुई थी .समझ नही पा रहे थे कि नींद न आने का … Read more

मास्टरनी – अदिति महाजन : Moral stories in hindi

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“वो देखो जा रही है मास्टरनी |” ये शब्द अनजाने में या जानबूझ कर बोले गए थे, परंतु संबंधित उसी से थे, यह वह जानती थी |   पेशे  से मास्टरनी तो नहीं थी वह परंतु गलत होता देख के उसको  रोकना, टोकने का साहस अवश्य था उसके  अंदर |  कभी दिन में चलती स्ट्रीट लाइट … Read more

सही फैसला – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

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   अपने नीरस एक ढर्रे पर चलती जिंदगी से बेजार… शीलू बिना पति बेटे की जानकारी के घर से निकल पडी। एक बैग में कुछ कपड़े, पैसे लेकर… “कहाँ जायेगी क्या करेगी  …सबकुछ अनिश्चित “!    यह भी ख्याल नहीं रखा कि दस वर्षीय बेटा बिना मां के कैसे रहेगा… स्कूल जायेगा, अपना काम करेगा और सीधा … Read more

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