अपनों की पहचान – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T104436.080

“माँ ऽऽऽ” फोन पर बिलखती बेटी निशि की आवाज सुन सुनंदा जी घबरा गईं  कल तक तो सब कुछ ठीक ही था फिर अचानक रात को ऐसा क्या हो गया जो मेरी बेटी के हँसते खेलते परिवार को ग्रहण लग गया  “बेटा तुम चिंता मत करो सब ठीक हो जाएगा बस तुम हिम्मत मत हारना … Read more

*नीरवता* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T211239.414

    रात्रि की नीरवता में अचानक मोबाइल की घंटी बजना यकायक मन मे एक घबराहट पैदा कर देती है।मन मे शंका पैदा हो जाती है कि कोई बुरा समाचार तो नही सुनना पड़ेगा।ऐसे ही  देर रात में अंशुल के फोन पर घण्टी बजी तो उसने हड़बड़ाकर मोबाइल उठा लिया। उधर से मिश्रा जी बोल रहे थे।मिश्रा … Read more

पड़ोसी या परिवार? – एम. पी. सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T215107.227

सुमित ओर उसकी बीवी डिफेंस कॉलोनी में रहते थे ओर दोनो काफी मिलनसार थे।कहने को तो उनका पूरा परिवार था, 2 भाई, 1 बहन और उनके बच्चे। उनका बेटा अतुल, उनकी बहू ओर उनकी बेटी। सुमित के दोनो भाई नोकरी करने दूसरे शहर चले गऐ ओर वही सैटल हो गए। बहन भी शादी दूसरे शहर … Read more

पड़ोसियों और परिवार में यही तो अंतर होता है बेटा – गीता यादवेन्दु : Moral Stories in Hindi

New Project 44

शादी के 10 साल बाद राहुल का जन्म हुआ था नितिन और सागरिका के यहाँ । दोनों फूले न समाए थे । दादी-दादा,नानी-नाना सबकी आँखों का तारा था राहुल । उसकी हर इच्छा कहते  ही पूरी कर दी जाती थी । राहुल के जन्म के दो साल बाद उसकी बहन नेहा भी आ गई थी … Read more

वक़्त पर अपने ही काम आते हैं पड़ोसी नहीं – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा  : Moral Stories in Hindi

New Project 48

प्राइवेट नौकरी में सब कुछ है पैसा है, रुतबा है, शोहरत है। अगर नहीं है तो बस समय और सुकून नहीं है। आदमी अपने ही घर में पड़ोसी सा हो जाता है। लेकिन किया भी क्या जा सकता है जिंदगी जीने के लिए घर की चौखट लांघ कर परदेसी बनना ही पड़ता है। आज के … Read more

पहला जन्मदिन – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

New Project 48

माँ, मैं इतवार को सुबह आ रही हूँ… वो पिछली बार कांता मौसी हरिद्वार से कुछ लाने के लिए कह रही थी …पूछकर बता देना , ले आऊँगी । मंगला ! सब ठीक है ना … यूँ अचानक?  सब ठीक है । क्या मैं आप सब से मिलने नहीं आ सकती ? धत्त ! तेरा … Read more

पड़ोसियों और परिवार में यही तो अंतर होता है बेटा – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 50

पूरा दिन तुम्हारी बीबी गाय भैंस गोबर घास के काम मे लगी रहती है एक मिनट कभी उसे आराम करते नही देखा। और छोटी वाली बस चार रोटियां बना दी या थोड़ी बहुत साफ सफाई कर दी भला ये भी कोई काम हुआ। कहना तो नही चाहती मगर तुम्हारी बीबी को नौकर बनाकर रखा है। … Read more

खुल गई आँखें – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 66

रीता लाख कोशिशों के बावजूद भी अपने पति निकुंज को खुश नहीं कर पा रही थी,जब से उसकी शादी हुई थी,वो अपनी पूरी कोशिश करती कि अपने पति की सब बातों को माने,उसे उसकी मनपसंद डिशेज बनाकर खिलाए पर निकुंज हमेशा बाहर वालों की,पड़ोसियों की और अपने ऑफिस की लेडीज की ही तारीफें करता। रीता … Read more

error: Content is Copyright protected !!