गंतव्य की ओर बढ़ते कदम – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

New Project 46

शालिनी  बैठी  सोच रही थी कि कबतक मैं इसी तरह मार खाती रहूंगी। कब तक सहन करूं ।आज पीटने की इन्तहा हो गई करीब एक घंटे तक लात-घूंसे बरसाता रहा। फिर भी मन नहीं भरा तो बेल्ट उठा ली। अब शरीर मार खा खा कर थक चुका है। और शक्ती नहीं रही यदि इसी तरह … Read more

निर्णय तो लेना पड़ेगा आत्मसम्मान खोकर कब तक जियोगी? – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

New Project 45

सपना ओ सपना मालती जी  गुस्से में रसोई से बाहर निकली। ये इतना सारा खाना क्यों बनाया है और ये दो-दो सब्जी बनाने की क्या जरूरत थी। जब देखो बस बेकार में खर्च करने में लगी रहती है कमाई तो मेरे बेटे की है,   कमाकर खर्च करना पड़ता तो पता भी चलता।  अब सपना … Read more

निर्णय – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

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शाम का समय था, आकाश में डूबते सूरज की नारंगी छटा बिखरी हुई थी। मंदिर के बाहर, लोग हाथ में पूजा और चढ़ावे की थाल लिए सरोज देवी की पूजा समाप्त होने का इंतजार कर रहे थे। सरोज देवी, 55 वर्षीय महिला, माथे पर बड़ी सी लाल बिंदी, माॅंग में सिंदूर की लंबी लाल रेखा … Read more

आत्मसम्मान की पहल – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

New Project 94

एक दिन बच्चों की डायरी में फीस जमा करने का नोटिस लिखा होता है। और फोन पर भी फीस जमा करने की आखिरी डेट का मैसेज देखकर कंचन परेशान होने लगती है। उसको लगता कि ऐसा क्या करु कि पैसों का इंतजाम होने लगे।  कंचन के पति की जॉब छूट हुए छह महीने हो गये … Read more

निर्णय तो लेना ही पड़ेगा ,कब तक आत्मसम्मान खोकर जियोगी – आरती द्विवेदी : Moral Stories in Hindi

New Project 57

आकाश  की ओर बिखरे बादलों के पीछे सूरज धीरे-धीरे डूब रहा था। कमरे की खिड़की से यह दृश्य साफ़ दिखाई दे रहा था, मगर समिधा के मन में कहीं एक अंधकार गहरा होता जा रहा था। उसके सामने रखा चाय का कप ठंडा हो चुका था, जैसे उसकी ज़िन्दगी भी ठंडी पड़ गई हो। यह … Read more

निर्णय तो लेना ही पड़ेगा ,कब तक आत्मसम्मान खोकर जियोगी – नीलम नारंग : Moral Stories in Hindi

New Project 37

बेटा, सिमरन मैं तुझे अभी भी समझा रही हूं। पहले भी तूने हमारी बात नहीं मानी  कोई बात नही,लेकिन अब मेरी बात मान ले अपना सामान पैक कर और मायके वापस आ जाओ जिस घर में आत्म सम्मान नहीं है, इज्जत नहीं है उस घर में रहने से कोई फायदा नहीं । सिमरन ने माँ … Read more

घुटन – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

New Project 38

अपने आप तो बाबूजी और माँजी चले गए , इस रूपा को सारी ज़िंदगी हम झेलें , पैंतालीस की हो चुकी …. अब तो शादी होने से रही ……तुम्हारा छोटा भाई परिवार को लेकर नौकरी पर चला गया । एक मैं और मेरे बच्चे, हम निभाते रहे सारे रिश्ते… .  पुष्पा! रूपा  दीदी इस घर … Read more

आज की महिला – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

New Project 39

नंदिता जब ब्याह करके अपने ससुराल पहुँची थी तो देखा घर में दो देवर हैं जो अपनी पढ़ाई पूरी करके नौकरी ढूँढ रहे थे । एक छोटी नन्द डिग्री में पढ़ रही थी । ससुर रिटायर हो कर घर पर ही थे । अब सास बहू को ज़िम्मेदारी सौंप कर खुद अपनी ज़िम्मेदारियों से मुक्त … Read more

निर्णय तो लेना ही पड़ेगा ,कब तक आत्मसम्मान खोकर जियोगी – संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi

New Project 40

“हेलो शमिता! “  “ हाय तारा!” “ कैसी हो शमिता ..” “ फिट एंड फाइन यार! तुम बताओ कैसे हो ??” “ मैं एकदम ठीक हूँ, पर शायद तुम ठीक नही हो…, रो रही थी क्या??आवाज़ में भारीपन है…” “ अरे! नहीं यार..बस… ऐसे ही …।” “अच्छा रुक शाम को ‘इंडिया हैबिटेट सेंटर’ में मिलते … Read more

*खुलना ग्रंथि का* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 41

           अरे अदिति अपने अस्तित्व को पहचानो,जब हर पल कचौटा जाता है, अपमानित किया जाता है तो फैसला तो तुम्हे लेना ही पड़ेगा।        तुम ठीक कह रही हो सपना।फैसला तो करना ही पड़ेगा।तुम मेरी बचपन की सखी हो,इसीलिये तुमसे अपने मन की हर बात शेयर कर लेती हूँ, इससे मेरा मन भी हल्का हो जाता है। … Read more

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