मेरा तो पहला बच्चा है ना – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

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श्यामा के परिवार में दो बेटे और दो बेटियां थीं।पति बहुत पहले एक चाय का ठेला लगाते थे।बड़ा बेटा आलूबंडा,समोसा,जलेबी बनाया करता था।आफिस मुख्यालय के सामने सुबह छह बजे से ठेला ग्राहकों के लिए उपलब्ध रहता था।पास ही में अस्पताल था,सो मरीजों के रिश्तेदारों के लिए यह ठेला किसी रेस्टोरेंट से कम न था।श्यामा दो … Read more

नाराज़ – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

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गायत्री तुम शांत होने की बात कर रही हो, तुम ही बताओ कैसे शांत रहूं।  जिस बेटे के लिये मैंने दिन रात मेहनत की , पढ़ाया लिखाया , इस क़ाबिल बनाया,अपने सपनों को अपने बेटे के सपनों की बलि चढ़ा दिया, आज वो ही बेटा मुझसे एक लड़की की खातिर ज़बान लड़ा कर गया है।  … Read more

मुझे सास के ताने सुनाई नहीं देते । – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

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 अनुपमा जी रसोई में सुबह का नाश्ता बना रही थीं। बेटे को आफिस जाना था इसलिए पहले बेटे का नाश्ता लगा दिया। इन दिनों लंच वो कैंटीन में ही कर लेता था इसलिए टिफिन बनाने का झंझट नहीं था लेकिन बहू के लिए अलग से नाश्ता बनाना पड़ता था क्योंकि वो जापे में थी। अनुपमा … Read more

नाराज़गी भरी सीख – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

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मम्मी ,मम्मी थोड़ी देर के लिए आपका फोन देना …..  क्यों क्या काम है? और ये पढ़ते पढ़ते तुझे फोन की याद क्यों आ जाती है? तूने तो बोला 1 घंटे से पहले मैं कमरे के बाहर नही आऊंगी और अभी तो आधा घंटा भी नही हुआ कनक की मां रुचि बोली   अरे मम्मी कल … Read more

बच्चे को मत डांटो, इसमें गलती बहू की है…- सिन्नी पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

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मयूरी अपने 7 साल के बेटे अमय को खाना खिलाने बैठती तो उसके हाथ में मोबाइल फोन ज़रूर पकड़ा देती थी। इस चक्कर में अमय एक जगह बैठकर खाना खा लेता वरना तो मयूरी को पूरे घर के चक्कर लगाने पड़ते तब भी उसको पूरा खाना न खिला पाती थी। जब भी मयूरी की सास … Read more

दूधो नहाओ पूतो फलो – सीमा वर्णिका : Moral Stories in Hindi

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दूधो नहाओ पूतो फलो इस आशीर्वाद से राधा के तन बदन में आग लग जाती। विमल से उसकी शादी हुई दो वर्ष बीत चुके थे। आज जिंदगी के जिस मोड़ पर वह खड़ी थी वह समझ नहीं पाती कि किसको जिम्मेदार ठहराए अपने भाग्य को या माता-पिता की विवशता को।    कोरोना काल की विसंगतियों का … Read more

अब कैसी नाराजगी – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

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सन् 1980, 8 फुट की ऊंचाई ,लंबा चौड़ा शरीर घनी घनी मूंछें और कंधे तक झूलते हुए बाल ,यह पहचान थी रघुनाथपुर की लाला जी की।लाला अमरनाथ सिंह जी कहने को तो पहलवान थे मगर कई गांव के मालिक थे।उनके पैतृक गांव रघुनाथपुर में तो उनकी तूती बोलती थी।तीन बेटे और एक बेटी का उनका … Read more

असली बहन – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

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बंटी दुकान पर जाकर बोला…” अंकल ₹50 की एक चॉकलेट दीजिए…!” ” पर बेटा ₹50 की तो नहीं है मेरे पास…!” ” अच्छा ₹40 की है…!” ” नहीं बेटा ₹20 की है…!” ” अच्छा तो दो दे दीजिए…!”  चॉकलेट हाथ में लेकर बंटी बिना पैसे वापस लिए निकल गया… उसके पीछे से रीना आई…” चाचा … Read more

घर लौट जाओ – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

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25 वर्षीय माधुरी अपने पति के ऑफिस से आने से पहले ही शाम के धुंधलके में घर से निकल पड़ी और ऑटो से रेलवे स्टेशन पहुंच गई। वहां पर मुंबई जाने वाली ट्रेन खड़ी थी। पूछने पर पता लगा, ट्रेन के चलने में अभी काफी समय है।       माधुरी चुपचाप जाकर एक बेंच पर बैठ गई। … Read more

एक नाराजी मौन भरी – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

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 किससे नाराज हो? क्यों नाराज हो? समझ में ही नहीं आता सब ही तो अपने है । माँ -पापा ने कभी कुछ कहा तो मेरे भले के लिए ही कहा होगा, सोचकर कभी उनसे नाराज नहीं हुई। घर के बाहर अपनी हम उम्र बच्चों के साथ खेलती, कभी-कभी किसी बात पर बुरा लगता,तो उसे दिल … Read more

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