भविष्य दर्शन (भाग-28) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi
अगले दिन आनंद और नरेंद्र के साथ कॉलेज के और भी कई साथी पद्मिनी के घर पर उपस्थित थे। मुझे माफ करना पद्मिनी मेरी वजह से तुम्हारा अपहरण हो गया था। आनंद ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा। तुम बेकार में खुद को दोष दे रहे हो आनंद जो होना होता है वो होकर रहता … Read more