दिव्यतारा (भाग-1) – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

New Project 55

जय बजरंगबली… जय पीड़ा हारी…. जय कष्ट निवारण…… मम्मी ओ मम्मी.. कहां गई , देखो भाई बाहर कोई तुम्हें बुला रहा है …..बहू ओ बहू  जरा देखना चश्मा कहां रख दिया है मैंने ….मिल नहीं रहा , अरे कंघी करने को उतारा ….यही तो रखा था…. कहां चला गया… जैसे उसका भी पैर हो…          हे … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग 1)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

New Project 50

मैं नैना से सबसे पहले मिस रोहतगी के डांस स्कूल में मिला था। अगस्त का महीना था जिसमें बारिश अगर तेज हो जाए तो वक्त अच्छे से गुजर जाता है। लेकिन अगर थोड़ी सी बूंदाबांदी हो कर रुक जाए तो अगस्त महीने में जो उमस होती है। उसे झेलना वाकई बहुत मुश्किल होता है। कोरोना … Read more

रिश्ते को भी रिचार्ज करना पड़ता है – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

New Project 44

सुचित्रा जी के चेहरे पर आज एक अद्भुत उत्साह और खुशी का संगम था। उनकी ऑंखों में चमक थी और मुस्कान ने उनके चेहरे पर चमक बिखेर दी थी। पचहत्तर साल की उम्र के बावजूद, उनके पैर नृत्य करते हुए खुशी से उछल रहे थे, जैसे कि वे अपने सपनों के साथ एक नए युग … Read more

आवाज उठानी जरूरी है ( भाग 2)- संगीता अग्रवाल

” माँ बाप गरीब है तो क्या गलत बात भी सहेगी पति है वो तेरा और तू उसकी पत्नी। उसकी हिम्मत इसलिए ही बढ़ी है क्योकि तू चुपचाप सब सहती आई है। पर तूने सोचा है इससे तेरे बच्चो पर क्या असर होगा। वो जो तेरी बेटी है वो कल को दूसरी सांची बनेगी और … Read more

एक प्यारी सी लव स्टोरी – अनु माथुर : Moral Stories in Hindi

New Project 42

Sunday दोपहर का वक़्त था…ऋतिका खाना का खा कर अपना laptop ले कर उसमें कुछ देख रही थी…. उसकी मम्मी और मौसी पास में ही बैठ कर बातें कर रही थी… वो भी उनकी कुछ -कुछ बातें सुनकर मुस्कुरा रही थी… | तभी उसके पास  notification आया… उसका ध्यान उसकी मम्मी और मौसी से हट … Read more

चाहत ( धारावाहिक) : hindi stories with moral

New Project 44

hindi stories with moral :मीरा वैभव की पत्नी थी. वैभव गंभीर स्वभाव पर कोमल दिल का  मालिक था.  उनका अपना पारिवारिक व्यवसाय था जिसे उसने अपनी शिक्षा समाप्त करके संभाला था. यह उसके पिताजी की भी इच्छा थी जिसे वैभव ने पूरे दिल से अपनाया था हालांकि वह संगीत के क्षेत्र में कुछ करने की … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

New Project 49

Moral Stories in Hindi : यूॅं ही कोई गृहलक्ष्मी नहीं बन जाती भाभी, खुद के लिए दूसरों के लिया सोचना करना होता है। अभी थोड़ी देर पहले ड्योढ़ी लाॅंघ कर आई विनया घूॅंघट की आड़ से अपनी ननद संपदा की कही बात सुन रही थी। “हाॅं, और क्या, तेरी माॅं को ही देख ले संपदा। … Read more

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