जीवन का सवेरा (भाग -17 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

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“ये क्या है अंकल” .. आरुणि आश्चर्य से पूछती है।  रोहित के पापा, आरुणि को संजीदगी से देखते हुए कहते हैं, “तुम खुद ही पढ़ो बेटा। अगर तुम्हारी हाँ होगी तभी बात आगे बढ़ेगी।” आरुणि के हाथों में पेपर्स होते हैं, जिनमें “जीवन का सवेरा” संस्था को सहारा देने और विस्तार करने की योजना विस्तार … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -16 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

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इस बीच रोहित की और रोहित की दादी की आरुणि और सबसे बातें होती रहती थी।  कार्य के कार्यान्वयन का समय आते ही सबसे पहले सब पचमढ़ी जाने और आरुणि से मिलने का विचार बनाते हैं… जिसकी सूचना आरुणि को दादी देती हैं और सबको मुंबई लेकर आने के बाद ही सरप्राइज देने की बात … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -15 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

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रोहित ने अपने पापा से मन की बात साझा करते हुए कहा, “मैं मुंबई में ‘जीवन का सवेरा’ शुरू करना चाहता हूँ। ये भी अभी आरुणि से डिस्कस नहीं किया है मैंने।” रोहित के पापा इस विचार को सुनकर गहराई से सोचने लगे। तभी गोपी चाचा, जो पास ही खड़े थे, उत्साहित होकर बोले, “ये … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -14 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

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रोहित ने अपने पापा से मन की बात साझा करते हुए कहा, “मैं मुंबई में ‘जीवन का सवेरा’ शुरू करना चाहता हूँ। ये भी अभी आरुणि से डिस्कस नहीं किया है मैंने।” रोहित के पापा इस विचार को सुनकर गहराई से सोचने लगे। तभी गोपी चाचा, जो पास ही खड़े थे, उत्साहित होकर बोले, “ये … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -13 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

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“सॉरी रोहित.. मैं भी तो खुद से भागने के चक्कर में खुद को खत्म करना चाहती थी। ऐसे तो कभी किसी समस्या का समाधान ना निकले। सामने से समस्या को फेस नहीं करना, ये तो खुद की समस्या को बढ़ाना ही है। अब तो सबको बताती हूँ खुद से भागने से बेहतर है खुद को … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -12 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

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“सॉरी रोहित.. मैं भी तो खुद से भागने के चक्कर में खुद को खत्म करना चाहती थी। ऐसे तो कभी किसी समस्या का समाधान ना निकले। सामने से समस्या को फेस नहीं करना, ये तो खुद की समस्या को बढ़ाना ही है। अब तो सबको बताती हूँ खुद से भागने से बेहतर है खुद को … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -11 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

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दादी उस वाकये ने मेरी सोच और जीवन का ध्येय बदल दिया। उस समय मेरे मन में एक ही विचार था कि इस बच्ची को तो उसके माता-पिता मिल गए हैं, लेकिन कई ऐसे बच्चे हैं, जिनका कोई नहीं है। उनके लिए क्यों ना जीवन जिया जाए! मेरे पास पैसे की या रहने की कोई … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -10 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

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“रात भर में रोहित ने तुम सब के बारे में इतना बता दिया कि लगता ही नहीं कि यह हमारी पहली मुलाकात है। उनकी बातों में एक अजनबी क़ी नहीं, बल्कि एक पुराने दोस्त से मिलने क़ी चाहत दिख रही थी औऱ तुम्हारे हाथ के खाना के बारे में रोहित ने बताया कि किसी फाइव … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -9 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

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बच्चे उछलते कूदते योगिता और राधा के साथ हवेली के अंदर चले गए। सारी लड़कियाँ पहले ही अंदर जाकर फ्रेश हो रसोई की ओर रुख कर चुकी थी।  आरुणि अपने ड्राइवर अंकल की ओर मुखातिब होते हुए बोलती है.. “आप लोग भी डिनर करके ही जाइए और रोहित को गाड़ी से ही उसके होटल पहुँचा … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -8 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

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पेड़ों से आच्छादित वादी ने मनोरम दृश्यों का आद्यतन किया था, जहाँ हर एक पेड़ और उनके पत्ते, हरियाली से भरी घास और प्राकृतिक रंगों का मेल बना रहे थे। सभी लम्बी-लम्बी साँसें लेते हुए ऐसा महसूस कर रहे थे कि वे किसी शांतिपूर्ण स्थल में खो गए हैं, जहाँ केवल खुशियों की मिठास के … Read more

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