स्टेटस सिंबल योगा – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 80

काव्या घर में घुसते ही मम्मी से कहती है, “मम्मी कल मुझे जल्दी उठा देना। मैं सिटी गार्डन जाऊंगी। योगा के लिए। कल 21 जून है। अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस।” मम्मी आश्चर्य से काव्या का चेहरा देखती हैं। काव्या और योग। जो लड़की बिस्तर से 8:00 बजे से पहले ना उठती है, वह योग करने जाएगी। … Read more

मुखौटा – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

New Project 13

प्रीतम घर का सबसे छोटा बेटा था।तीन बड़े भाई और भाभियों का संयुक्त परिवार था।प्रीतम जब पढ़ाई कर रहा था ,तभी बड़े भाई की दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।दो छोटे-छोटे बच्चे थे,एक बेटा और एक बेटी।प्रीतम के मम्मी -पापा पहले तो बड़ी बहू पर जान छिड़कते थे।सारा घर उसने संभाल रखा था।तीनों देवरों के … Read more

बारात तो वापस जाएगी – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

New Project 6

“ देखिए मनोहर जी जो बात तय हुई थी उस पर अमल करिएगा कहीं ऐसा ना हो ऐन मौक़े पर आप मुकर जाए?” जनमासे (जहां पर दूल्हा और सारी बारात को ठहराया जाता है )में लड़के के ताऊजी ने लड़की के के पिता से कहा  मनोहर जी ने सब कुछ अच्छे से इंतज़ाम कर लिया … Read more

परिणाम- दिक्षा बागदरे : Moral Stories in Hindi

New Project 72

राहुल सर पकड़ कर बैठा हुआ था और बहुत रो रहा था। उसे दिन में तारे नजर आ रहे थे। घर में हर कोई उसे समझा कर हार चुका था।  सौम्या जो कि राहुल की मां थी वह एक चाइल्ड काउंसलर थी। और कहते हैं ना कि डॉक्टर कभी अपने घर वालों  का इलाज नहीं … Read more

दिन में तारे दिखाई देना. – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

New Project 91

दिन में तारे दिखाई देना” मुहावरा संजना पर सही बैठता है , संजना जो एक मध्यम वर्गीय परिवार की लड़की हैं , और बहुत सुन्दर है।  संजना को बचपन से अपने गोरे रंग, ऊँचे क़द , लम्बे घने काले बाल और गहरी झील सी आँखों पर नाज़ रहा है।  संजना की खूबसूरती देखते ही बनती … Read more

सन्तुष्ट- मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi

प्रतीक मैं नौकरी करना चाहती हूं… थाली में गर्म रोटियां रखती हुई नेहा बोली। नौकरी ऐसे अचानक, पर क्यों मैंने या मम्मी ने कभी किसी चीज के लिए रोका है तुम्हे। वो बात नही है प्रतीक, मैं अब घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर अपनी एक पहचान बनाना चाहती हूं सुमि भी अब तीन साल … Read more

इनकी भी पहचान है- इरफाना बेगम : Moral Stories in Hindi

घर से बाहर निकलने के बाद हर सिग्नल पर मांगने वालों की कतार से मन खट्टा हो जाता है। कभी कभी इतना गुस्सा आता है कि इन पर जोर से चिल्लाने का मन होता है लेकिन ये सोचकर कि इनका तो कुछ नहीं होगा खुद का ही तमाशा बन जायेगा चुप ही रह जाते है। … Read more

सन्तुष्ट-मोनिका रघुवंशी Moral stories in hindi

New Project 67 1

प्रतीक मैं नौकरी करना चाहती हूं… थाली में गर्म रोटियां रखती हुई नेहा बोली। नौकरी ऐसे अचानक, पर क्यों मैंने या मम्मी ने कभी किसी चीज के लिए रोका है तुम्हे। वो बात नही है प्रतीक, मैं अब घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर अपनी एक पहचान बनाना चाहती हूं सुमि भी अब तीन साल … Read more

लो जी संभालो-शुभ्रा बैनर्जी Moral stories in hindi

New Project 50

स्वाति जी का छोटा सा परिवार था।छोटे से कस्बे में सबसे बड़ी दुकान थी,उनके पति गोविंद जी की।स्वाति जी अपने बेटे की शादी को लेकर बड़ी चिंतित रहतीं थीं।सिठानी सी सजी-धजी स्वाति जी गजब की खूबसूरत लगतीं थीं अब भी।अब बहू भी उन्हीं की टक्कर की चाहिए थी,जो बीस हो उनसे।गोविंद जी ने कारोबार शुरू … Read more

दिन में तारें दिखायी देना-संध्या सिन्हा Moral stories in hindi

अभी खाना डाइनिंग टेबल पर लगाया ही था कि.. डोरबेल  “ डिंग-डाँग..”  मैं देखती हूँ.. कह कर मैंने मेन डोर खोला तो… “ब्लिंकिट” का डिलीवरी बॉय था.. “ जी मेम आपका सामान.. “इधर रख दो “ मैंने सोफ़े के पास रखने को कहा.. “ क्या माँ…  तुम्हारा कितना ऑर्डर आता हैं…कभी bbnew . कभी blinkit, … Read more

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