सांझ के बाद ही सबेरा है – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi
…. नदिया की लहरें प्रतिदिन की भांति ही अठखेलियां कर रहीं थीं,मस्त सुरभि का झोंका उन्हें गुदगुदा रहा था ढलते सूरज की सुनहरी अलबेली रश्मियों ने आसमान को एक अनूठे चित्रकार की भांति अपनी तूलिका से रंग दिया था, ढलती सांझ में नीलाभ विस्तृत आकाश सुरमई प्रतीत हो रहा था। लेकिन आज अंगद को यह … Read more