रिश्ते की डोर-श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi
सरला जी की बहू निम्मी की आज पहली रसोई थी। सरला जी अपनी बहू की मदद करना चाह रही थी लेकिन रिश्ते की चाचियाँ, मामियाँ, ननदें उन्हें किसी ना किसी बहाने से रोक ले रही थी। उधर किचन में निम्मी की हालत खराब हो रही थी। उसने तो आज तक चाय-कॉफी के अलावा कुछ बनाया … Read more