टूटते रिश्ते आज फिर से जुड़ने लगे – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

New Project 46

दीप्ति जैसे ही अपनी सास वसुधा जी के पैर छूने आगे बढ़ी वसुधा जी ने हाथ आगे बढ़ा कर उसे रोक दिया। रहने दो दिखावा करने की कोई जरूरत नहीं है ।बड़ों की इज्जत मन से होती है जब मन में तुम्हारे हमारे लिए कोई इज्जत नहीं है तो ये पैर छूने का दिखावा क्यों … Read more

टूटते रिश्ते जुड़ने लगे – शीतल भार्गव : Moral Stories in Hindi

New Project 37

गाँव के छोर पर दो परिवार रहते थे ,चौधरी साहब और पंडित जी का ।दोनों परिवार पीढ़ियों से पड़ोसी थे,लेकिन पिछले कुछ समय से उनके बीच एक अजीब सी खटास आ गई थी । कारण था,कारण था चौधरी साहब के बेटे जय और पंडित जी की बेटी राधा का प्रेम । जय और राधा बचपन … Read more

टूटते रिश्ते जुड़ने लगे – गीता यादवेन्दु : Moral Stories in Hindi

New Project 38

सुहानी एक बहुत ही तेजतर्रार, अपना मतलब निकालने में होशियार रहने वाली लड़की थी । ईर्ष्या करना और दूसरों को नीचा दिखाना भी उसके व्यक्तित्व का एक हिस्सा था ।  कॉलेज में सुहानी साथी सहपाठियों ,सहेलियों से चालाकी से नोट्स हासिल कर लेती थी और रट-रटा कर ठीक-ठाक मार्क्स भी ले आती थी । अर्पिता … Read more

खट्टे रिश्ते हो गए मीठे – नेमीचन्द गहलोत : Moral Stories in Hindi

New Project 39

आंगन में बैठे सभी बातें कर रहे थे । गजेन्द्र चार पाई पर लेटकर आकाश को निहारते हुए बोला “कितना सौभाग्यशाली है ये सौर परिवार जिसमें सितारे, सप्तर्षि मंडल, ग्रह, नक्षत्र सब साथ रहते हैं, न किसी से ईष्या और न किसी से द्वेष! सब अपनी मर्यादा और कर्तव्य निष्ठा के प्रति प्रतिबद्ध ! आपस … Read more

जुड़ गई डोर आखिरकार – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

New Project 40

डॉक्टर नीला अपनी गाड़ी से उतरी और तेजी से अस्पताल की तरफ बढ़ने लगी। सुबह ही अस्पताल से फोन आया था” एक पेशेंट बहुत ही सीरियस हालत में भर्ती कराया गया है ,तुरंत ही आकर उसे देख लीजिए।” यह सुनकर उसने अपना ब्रेकफास्ट अधूरा छोड़ा और भागी भागी अस्पताल के लिए निकल गई । फोन … Read more

छोटी माँ – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

New Project 43

राजीव जी राजकीय कॉलेज में प्रिंसिपल थे उनकी फिटनेस, हंसमुख स्वभाव एवं बहुत ही मिलनसार व्यक्तित्व था। उनकी प्रतिभा चारों ओर फैली हुई थी। वह अपने कार्य क्षेत्र में सख्त और अनुशासन प्रिय व्यक्ति थे।  उनकी पत्नी सुवर्णा कदम- कदम पर उनका साथ देती, जिस कारण राजीव जी अपने काम को बेहतर अंजाम देते हुए … Read more

टूटते रिश्ते जुड़ने लगे – विनीता महक गोण्डवी : Moral Stories in Hindi

New Project 44

अरे भाभी ये टॉप्स तो पुराने हैं।… परम ने भाभी को ठोकते हुए कहा.. भाभी की आंखों में दुख के आंसू छलक गए। उन्होंने तुरंत पलट करके कहा…. परम सोना चांदी कभी पुराना नहीं होता।ये नये लाये थे कई साल से ऐसे ही रखें थे ।पहने हुए नहीं हैं।       परन्तु परम कुछ सुनना नहीं चाहता … Read more

टूटे रिश्ते जुड़ने लगे – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

New Project 48

“माँ कहाँ हो, कहाँ हो? किचेन से बाहर निकलो देखो कौन आया है” यह सुन कर मैं किचेन से बाहर आई. देखा की आज मेरे भाई-भाभी, देवर-देवरानी, ननद-नन्दोई सभी अपने बच्चों के साथ मेरे ड्राइंग रूम में खड़े थे और मुझे देखते ही हैप्पी ऐनवर्सरी कहने लगे।  आज मेरी पच्चीसवी वैवाहिक वर्षगाठ है। बच्चों ने  … Read more

रिश्ते तोड़ना आसान जोड़कर रखना मुश्किल क्यों? – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

New Project 49

“ छोटी देख कनु की शादी तय हो गई है… तुम सब कब आओगी… जल्दी से आ जाना मुझे सहूलियत हो जाएगी।” जेठानी गरिमा के फोन पर ये कहते ही मनस्वी के समझ नहीं आया वो खुशी ज़ाहिर करे या पुरानी बातों को लेकर ना आने का बहाना बनाएं। देवरानी की चुप्पी से गरिमा ने … Read more

सुगन्धा – विनय मोहन शर्मा  : Moral Stories in Hindi

New Project 55

माधव एक ख्यात नाम बैरिस्टर थे और दिल्ली में तीसहजारी कोर्ट में प्रेक्टिस करते थे। वह अपने वकील साथियों में ही नहीं अपितु अपने मुविक्कलों में भी प्रशंसा के पात्र थे। बैरिस्टर साहब ने अपने जीवन काल में कोई भी मुकदमा हारा नहीं था, विजय श्री तो उनके गले में विजय माला डालने को सदा … Read more

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