एक औरत की जिम्मेदारियां कभी खत्म नहीं होती – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

New Project 86

क्या मम्मी इतनी देर हो गई अभी तक नाश्ता नहीं बना क्या,अरे बेटा बना रही हूं आज जरा उठने में देर हो गई रात में नींद नहीं आई थी ,बस सबको सबकुछ समय पर ही चाहिए जरा से आगे पीछे हो जाए तो सब सुनाने लगेंगे क्या कर रही थी अभी तक ये काम नहीं … Read more

अन्त हीन जिम्मेदारीयां – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

New Project 63

सुनो मीता मैं एक बात सोच रहा हूं कि मेरी सेवा निवृत्ती में केवल दो ही बर्ष शेष हैं फिर सारा समय हमारा ही होगा। खूब घूमेंगे फिरेंगे जीवन भर की कमी पूरी करेंगे। अभी तक तो हम अपने लिए जी ही कहां पाए। शादी के बाद पहले भाई-बहन की जिम्मेदारी मेरे ही कंधों पर … Read more

तानाबाना – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

New Project 46

सोच सोच कर प्रमुदित हो जाती थी मैं … बस अब जल्दी से बेटे की भी शादी कर दूं फिर मेरी जिम्मेदारियां खत्म हो जाएंगी ….वह दिन भी आया और खूब धूमधाम उत्साह से बेटे पृथु की शादी हो गई बहू प्रीति भी जैसा नाम वैसा स्वभाव। निश्चिन्त थी मैं अब ।बेटे की जॉब दिल्ली … Read more

झांसी की रानी – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 94

    ” भाभी…मेरे स्कूल का टाइम हो रहा है..टिफ़िन तैयार कर दीजिये।” श्रुति ने बिस्तर पर लेटी अपनी भाभी से कहा।    ” अभी देती हूँ…।” कहते हुए नंदिता उठने की कोशिश करने लगी तभी तनुजा आ गई और बोली,” दीदी..आप आराम कीजिये..श्रुति अपना टिफ़िन खुद तैयार कर लेगी।”    ” लेकिन छोटी भाभी…मुझे पराँठे बनाने नहीं आते..और … Read more

खुद का संडे – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 95

नीलांश कई दिनों से देख रहा था कि निली काफी उदास और गुमसुम सी होती जा रही है।बस मशीन की तरह अपना काम निपटाती रहती है।ना हँसना न खिलखिलाना। माँ-पापा की चाय, बिट्टू-पिंकी की पढ़ाई, लंच-डिनर, उसका टिफिन, घर की साफ-सफाई सब काम बिल्कुल परफेक्ट, समय पर लेकिन खुद बिल्कुल बुझी-बुझी सी। जब भी नीलांश … Read more

रिश्तों की ज़िम्मेदारी – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 39

      एक औरत अपनी ज़िम्मेदारियों से मुक्त हो जाये, ऐसा तो कभी हो ही नहीं सकता।बेटी,पत्नी,बहू,माँ,सास इत्यादि के रूप में वो हमेशा अपने कर्तव्यों का पालन करती रही है और करती रहेगी।       मेरा कहानी भी कुछ ऐसी ही है।तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी होने के कारण मुझे अपनी पढ़ाई के साथ-साथ किचन में माँ का हाथ … Read more

आज का परिवेश” – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral Stories in Hindi

New Project 50

गौरी उठ जा बेटा “” समय देख”””ग्यारह पच्चीस हो गये! पापा आते ही होगें”””” मम्मी जी उठती हूं,बस पांच मिनट “”” उठ जा बेटा लोग क्या कहेंगें””” अरे””””कहने दो””” गौरी ने वापस कम्बल पैर से सिर तक खीच लिया “”” अब गार्गी क्या करे,लड्डू गोपाल को पहले भोग लगाये,या पति के भोग की तैयारी करे”””” … Read more

जिम्मेदारी कभी खत्म नहीं होगी – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

New Project 37

लता घर का सारा काम ख़त्म करके अपने कमरे में खिड़की के पास उदास बैठी हुई थी । दो दिन पहले ही वह हैदराबाद से वापस आई थी । उसे अपने कमरे में इस तरह से खिड़की के पास बैठना बहुत ही अच्छा लगता है । उसी समय फ़ोन की घंटी बजी अभी कौन हो … Read more

जिम्मेदारी कभी खत्म नहीं होगी – हेमलता गुप्ता: Moral Stories in Hindi

New Project 37

हां तो गायत्री बहन क्या सोचा फिर आपने.. चलने के बारे में! देखिए.. ज्यादा दिन की बात नहीं है सिर्फ दो दिन का टूर है हम रात को यहां ट्रेन से जाएंगे सुबह पहुंच जाएंगे अगले दिन रात की ट्रेन से चलेंगे उसके अगले दिन यहां वापस आ जाएंगे, इतना अच्छा  मौका मिल रहा है … Read more

अलग सा रोमांच – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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  रामेश्वर दयाल जी के लिये यह झटका कोई कम नही था,उनके जैसे जीवट वाला व्यक्ति न होता तो उन्हें हार्ट अटैक ही हो जाता।66 वर्ष की उम्र में 35 वर्षीय बेटे तरुण की कोरोना में मृत्यु हो जाना,एक असहनीय दर्द था।32 वर्षीय उनकी बहू रागिनी और 8 वर्षीय पोते दीप का चेहरा उनके सामने से … Read more

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