जिंदगी सुख कम दुख ज्यादा देती है – मनीषा सिंह: Moral stories in hindi

कड़ाके की ठंड पड़ रही थी रात के 11:00 बज चुके थे।  तेजस्विनी अपनी 2 साल की बेटी राहा को सूलाकर हाल में  ही इधर-उधर चक्कर काट रही थी । उसकी नजर बार-बार दीवाल पर लटकी  घड़ी की ओर जा रही थी। आशु 35 साल का युवक जो किसी सरकारी ऑफिस में ऊंचे पद पर … Read more

झूठे दिखावे से जिंदगी नहीं चलती।- अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

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“अब अपनी आंखें खोलो, सौरभ ने निमिषा की आंखों से हथेली को धीरे-धीरे हटाते हुए कहा, और हाथ में दो फ्लाइट के टिकट पकड़ा दिये।” निमिषा हैरान थी, “हम कहीं जा रहे हैं क्या? सौरभ खुशी से बताने लगा, ” मुझे कंपनी की तरफ से इनसेंटिव मिला है तो मैंने गोवा जाने के टिकट बनवा … Read more

ज़िंदगी का तराजू – शुभ्रा बैनर्जी  : Moral stories in hindi

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मालती आज जैसे ही बाजार जाने के लिए निकलने लगी,सासू मां ने बताया इन्सुलिन ,प्रेशर की दवाई,ख़त्म हो गई है।और हां हाजमोला भी लेना है।सुबह अखबार पढ़ते समय बोलीं थीं”अब दूसरी आंख से भी बहुत कम दिखता है बहू।” सड़क पर चलती हुई मालती सोचने लगी।परिवार की पूरी जिम्मेदारी उसके ऊपर डालकर क्यों चले गए … Read more

जिंदगी सुख कम और दुख ज्यादा देती है – मंजू ओमर  : Moral stories in hindi

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आज संजय की मृत्यु हो गई थी वहां से आकर मन बहुत उदास था । संजय मेरे पति के दोस्त थे बहुत ज्यादा प्रगाढ़ता थी आपस में बिल्कुल घर जैसे संबंध थे हम दोनों के परिवार में। हमारी और संजय की शादी भी साथ साथ चार महीने के अंतर पर हुई थी । दोनों के … Read more

अधूरे थे…पूरे हो गये – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

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      बावन वर्षीय मनोहर बाबू हाथ में लिये अपने परिवार की तस्वीर को एकटक निहारे जा रहे थे और उनकी आँखों से अविरल अश्रुधारा बहे जा रही थी।अपने बच्चों के नाम बुदबुदा रहे थे तभी घर का पुराना नौकर रामू काका आकर बोले,” बड़े बाबू… खाना खा लीजिए…सात दिन हो गये हैं… आपने अन्न का एक … Read more

दुःख में सुख की खोज – बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

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   पापा पापा, भैय्या हमें छोड़कर चले गये।भैय्या बिना कैसे रहेंगे?     क्या–या या-रोहन चला गया।ओह, ये दुःख भी जीवन मे देखना बदा था।ईश्वर तूने मुझे क्यों नही उठा लिया?        अपने समय के सफल कारोबारी रहे शांतिस्वरूप जी अब अधिकतर समय घर पर ही बिताते थे।उम्र भी तो 80 वर्ष के करीब हो गयी थी।दो बेटे थे … Read more

अपनों का साथ – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

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” विपिन आप आ गए ….क्या बात है इतने परेशान क्यो हो ?” पति के घर आते ही संध्या ने पूछा। ” कुछ नही बस ऐसे ही !” विपिन ने संध्या को टाल दिया और अनमना सा सोफे पर अधलेटा हो गया। विपिन व संध्या के दोनो बच्चे आठ साल का रोहान और दस साल … Read more

ये कैसी सोच? – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

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बधाई हो मिसेज गुप्ता!शालिनी ने बराबर वाले फ्लैट वाली अपनी पड़ोसन रेखा गुप्ता को मुबारकबाद देते कहा। बहुत धन्यवाद जी!मिसेज गुप्ता मुस्कराते हुए बोली। आइए!एक प्याला चाय तो पीते जाइए।मुंह भी मीठा कीजिए,आप तो फंक्शन में आ ही नहीं पाई। जी…जरूर…आपने तो मेरे मुंह की बात छीन ली,मेरा भी दिल था कि आपसे बातचीत करूं, … Read more

कपड़े बदलने पड़ेंगे – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

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रीमा , चलो बाज़ार घूम आते हैं, सब्ज़ी भी ले आएँगे और इस बहाने मन भी बहल जाएगा । हाँ, आप चले जाइए । मैं तो कहती हूँ कि मंडी चले जाओ । ताज़ी और सस्ती सब्ज़ियाँ तो वहीं मिलती हैं ।  तुम चलो , जो चाहिए, ख़रीद लेना….. ना मैं नहीं । मुझे तो … Read more

ज़िन्दगी,सुख, दुख के जोड़ घटाव का नाम – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

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हम सबकी जिंदगी आशा, निराशा,दुख,सुख के पालने में ही बीतताी रहती है। हरेक की लाइफ में दुख,सुख,बारी बारी से आते जाते रहते हैं ।यह तो हमारी सोच पर निर्भर करता है कि हम इन दोनों परस्थितियों में अपने को कितना बैलेंस करते हैं। बहुधा देखनेमें आता है कि सुखके दिनों को जल्दी भूल जाते है,और … Read more

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