“सलाह” – कनार शर्मा: hindi stories with moral

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hindi stories with moral : अरे बहू कहां चली? नाश्ता कौन बनाएगा? सुबह-सुबह अपनी बहू को बैग उठाकर घर से बाहर जाता देख सास वसुंधरा जी बोली।  मांजी आप और आपके बेटे ने मुझे घर की नौकरानी समझ रखा है। मैं बहू हूं इस घर की कामवाली बाई नहीं जो दिन रात आप लोगों के … Read more

आख़िर किसे समझाएँ..? – रश्मि प्रकाश   : hindi stories with moral

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hindi stories with moral : “जब मैंने कोई गलती नहीं की तो क्यों बर्दाश्त करूँ … जब देखो सब मुझे ही सुनाने चले आते हैं जैसे मेरी ही गलती हो।”तमतमाती हुई शानू पैर पटकती अपने कमरे में जाकर बैठ कर रोने लगी  “ बहुत सिर चढ़ा रखा है बेटी को…अरे ऐसा क्या ही कह दिया…अब … Read more

मैं क्यों बर्दाश्त करूं- हेमलता गुप्ता : hindi stories with moral

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hindi stories with moral : निधि …यह क्या तमाशा लगा रखा है तुमने, आज पड़ोस वाले मेहता जी आए थे और कह रहे थे कि तुम्हारी बहू ने यहां पर आकर जो हंगामा किया है वह सही नहीं  किया। हमने आपका लिहाज करके उसे कुछ नहीं कहा, किंतु समझा लीजिए उसे, हमारे मामले में दखल … Read more

बर्दाश्त की हद : hindi stories with moral

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hindi stories with moral : रोज़ की तरह मैं बस स्टॉप पे खड़ा बस का इंतज़ार कर रहा था । लाईन इतनी लम्बी थी लग रहा था कि आज भी ऑफ़िस जाने में देरी हो जाएगी । तभी थोड़ी देर में बस आयी और अंदर जाने के लिए सब एक दूसरे को धक्का देने लगे … Read more

जमाने की रफ्तार – बालेश्वर गुप्ता : hindi stories with moral

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hindi stories with moral : अरे तुझे क्या पड़ी थी,क्यूँ इस लफड़े में पड़ा, राजेश तूने बहुत बड़ी गलती कर दी है।       मैंने ऐसा क्या कर दिया माँ?     होरी आया था,उसका बेटा अनिल  किसी दूसरी जात की लड़की के साथ गायब है।उसका कहना था कि उन्हें राजेश ने ही समर्थन भी दिया और पूरी शह … Read more

दहेज – अनिला द्विवेदी तिवारी : hindi stories with moral

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hindi stories with moral : प्रिया और राकेश बचपन से बहुत अच्छे दोस्त थे। स्कूल से कॉलेज में चले गए परन्तु उनकी दोस्ती बरकरार रही। राकेश कब उसे मन ही मन पसंद करने लगा पता ही नहीं चला। हालांकि प्रिया, राकेश को महज एक दोस्त ही मानती थी। पढ़ाई-लिखाई भी धीरे धीरे पूरी हो गई … Read more

जब मैने कोई गलती नही की तो क्यों बर्दाश्त करूं – वीणा सिंह : hindi stories with moral

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hindi stories with moral : पूरे दो साल बाद मयंक अपनी मां पापा के साथ मेरे घर समझौते के लिए आए हैं.. मेरे पापा मम्मी मुझे आवाज दे रहे हैं नव्या आ जाओ बेटा.. मैं सधे संतुलित कदमों से तीन साल की बेटी तन्वी को गोद में लिए कमरे में गई.. सास ससुर को संस्कार … Read more

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