प्रतिशोध पिता से – लतिका श्रीवास्तव   : Moral Stories in Hindi

New Project 99

गणपति बप्पा मोरिया….बप्पा को अपने हाथों में अपने कंधों में उठाए स्थापना के लिए घर ले जाते उत्साही भक्तों की बुलंद आवाजे आसमान छू रही थीं पटाखों की तेज आवाजें कान के पर्दे फाड़े दे रहीं थीं उमड़ता हुआ जनसमुदाय विशाल सड़कों को संकरी किए दे रहा था…। लेकिन कैब में बैठे अविनाश के कानों … Read more

अपना घर – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T215107.227

घर वापसी, आज मोहन जी जब सुबह सोकर उठे तो अपने आप को बहुत तरोताजा महसूस कर रहे थे। उठकर दैनिक क्रिया से निवृत्त होकर घर के बाहर टपरे पर चाय पीने निकल गए ।चाय का कप हाथ में लेकर चाय पीते पीते चाय वाले से बात भी करने लगे ।अरे राजू तू कब से … Read more

“आखिरी ख्वाहिश” – मनीषा सिह : Moral Stories in Hindi

New Project 34

 “दो बच्चे और पत्नी धनिया” को सोता छोड़ एक रात हीरा गांव छोड़कर  कहीं चला गया। सुबह जब धनिया सो कर उठी, तो पति को न पाकर उसे ढूंढते खेत चली गई । सबसे पूछा पर हीरा को किसी ने नहीं देखा । मुंह लटका कर धनिया घर लौट आई सुबह से शाम हो गई … Read more

घर वापसी – अयोध्याप्रसाद उपाध्याय : Moral Stories in Hindi

New Project 48

“इन दोनों ने नाकों दम कर दिया है। दुनिया क्या कहेगी? कहती रहे। मैं किसी से कुछ कहती हूं क्या? अपनी परेशानियों को तो मैं ही न जानती हूं।दूसरा क्या जाने? जीना हराम कर दिया है बूढ़े और बुढ़िया ने। एक वो हैं जो कुछ भी बोलते ही नहीं। मुझे ही देख लेना कह कर … Read more

जब बेटे ने मम्मी-पापा को दिखाया आईना – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T105042.754

रोहन आपने दोस्त के जन्मदिन की पार्टी  में गया था। वहां उसने देखा कि पर्व के नाना-नानी के साथ -साथ  दादा-दादी भी आये थे। वे उसे बहुत प्यार कर रहे थे  एवं  एक सुन्दर सी साईकिल उसे उपहार में दी। रोहन यह सब देखकर सोचने लगा कि उसके तो केवल नाना- नानी ही आते हैं, … Read more

तुम आज भी मेरे मन में जिंदा हो! – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

New Project 41

ट्रेन से उतरकर मैं बस पकड़ने के लिए ऑटो कर लिया था।  आज मैं अपने पुराने दिन को जीना चाहता था, उसी पुरानी वर्षों, पुरानी दिनों को ,,,जिनकी याद मुझे बहुत ही ज्यादा मीठी लग रही थी!  सामने बस स्टैंड था।  अनगिनत बसें खड़ी थीं। दलाल और बस कंडक्टर आकर जगह का नाम लेकर बुला … Read more

भादों का भय – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

New Project 100

बड़ी मुश्किल से दो महीने ही हुए थे , निर्मला जी  (मां )को अपनी बेटियों के पास गए हुए।ससुर जी जब थे,साथ ही जातीं थीं बेटियों के पास,वो भी बहुत कम दिनों के लिए।ससुर जी की बरसी पर आई छोटी बेटी की बिटिया ने कहा था नानी से”हमारे साथ चल कर रहिए ना कुछ दिन … Read more

‘ पश्चाताप ‘ – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

New Project 88

रोहित और रीना एयरपोर्ट से जैसे ही बाहर  निकले तो उन्हें कैब मिल गई।बिना देर किए दोनों कैब में बैठ गए।कैब बहुत तेजी से सड़क पर भाग रही थी और रोहित के कानों में रह-रहकर माँ के वो आखिरी शब्द गूँज रहे थे..बेटा तेरी बहुत याद आ रही है,हो सके तो एक बार आ जाना..!! … Read more

घर दीवार से नहीं परिवार से बनता है। – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

moral story in hindi

 “मुझे नहीं जाना यहाँ से कहीं, मेरी डोली इसी घर में आई थी और मेरी अर्थी भी इसी घर से उठेगी|”  “लेकिन माँ, यहाँ रखा भी क्या है अब? आप क्यों जिद पर अड़ी हैं। अब तो पापा भी नहीं रहे। आपको यहाँ किसके सहारे छोड़ कर जाएं? क्यों आप हमें धर्म संकट में डाल … Read more

ग्रेजुएशन। – कामनी गुप्ता*** : Moral Stories in Hindi

New Project 44

बारहवीं की परीक्षा समाप्त हो चुकी थी। रोहन बेसब्री से नतीजे का इंतज़ार कर रहा था। घरवाले भी रोहन की मेहनत से बाकिफ़ थे। सबको रोहन से बहुत उम्मीदें थी। रिश्तेदारों में भी यही बात थी कि अपना रोहन घर का और सबका नाम रोशन करेगा। खैर वो दिन भी आ जाता है। रोहन उम्मीद … Read more

error: Content is Copyright protected !!