सुकून – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

New Project 57

दीदी ,  आप  इतनी देर से क्या ढूँढ  रही है इस अलमारी में?  पूरा घंटा बर्बाद हो गया…. मैंने पूरी अलमारी तीन-तीन बार छान डाली पर साड़ी नहीं मिली । माँ की एक पिंक साड़ी ढूँढ रही हूँ , नानी की निशानी है ।  पिंक साड़ी? सफ़ेद मोतियों वाली ? जो माँ के पास नानी … Read more

घर टूटने पर आखिर हर बार बेटे-बहू को ही दोष क्यों दिया जाता है?? – निकिता गर्ग : Moral Stories in Hindi

New Project 70

गाँव के एक छोटे से घर में, सुनील और कविता अपने बेटे सुमित और बहू प्रिया के साथ रहते थे। सुनील और कविता ने अपने जीवन की सारी मेहनत और प्यार से इस घर को बनाया था। जब सुमित की शादी प्रिया से हुई, तो सबने सोचा कि अब घर में खुशियों की बहार आएगी। … Read more

दोषी कौन – ऋतु दादू : Moral Stories in Hindi

New Project 72

दफ्तर से आकर जब राघव ने नेहा को बताया कि वह कार्यालय के काम से जयपुर जा रहा है,चाहे तो वह भी साथ चल सकती है,तो नेहा ख़ुशी से चहक उठी, आखिर उसने अपना बचपन जयपुर में ही तो बिताया था। जयपुर जाने के लिए गाड़ी में बैठते ही नेहा बचपन की यादों में खो … Read more

घर टूटने पर आखिर हर बार बेटे-बहू को ही दोष क्यों दिया जाता है? – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi

New Project 83

   सुबह अंधेरे मुंँह उस दिन विपिन के घर में शोरगुल हो रहा था। उसके परिवार के सदस्य हर्षोल्लास के साथ यात्रा करने की तैयारी में मशगूल थे। विपिन की तीनों बेटियों को उसकी पत्नी कीमती नए डिजाइन की पोशाकें पहनाकर उन्हें सजाने  संवारने में लगी हुई थी। थोड़ी देर के बाद स्मृति स्वयं कीमती परिधान … Read more

वीरान बगीया – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

New Project 87

अभी आधा घंटा ही हुआ था टैक्सी को रवाना हुए जिसमें रोहन,शिवि, दोनों बच्चे  रोहित एवं शुभि के साथ बैंगलोर के लिए निकले थे। उनके जाते ही घर में मौत का सा सन्नाटा पसर गया। मनोहर जी एवं विभा जी अकेले रह गए।विभा जी का तो रो रोकर बुरा हाल था। उनकी हिचकियां थीं कि … Read more

घर टूटने पर हर बार बेटे-बहु को ही दोष क्यों दिया जाता है? – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

New Project 96

शाम को अपने दोस्त के घर से आने के बाद से ही मेरा बेटा कुछ उदास-उदास सा लग रहा था। उसकी आँखो को देखकर लग रहा था कि वह मुझसे कुछ कहना चाह रहा है पर कह नहीं पा रहा। रात के खाने तक उसकी चुप्पी मुझे खलने लगी। वह किशोरावस्था में था अतः मुझे … Read more

गहने – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

New Project 60

——————–         रात को 2:00 बजे फोन पर रमेश जी की माता जी की रोने की आवाज आ रही थी और रमेश जी केवल एक ही बात दोहरा रहे थे तो मैं क्या कर सकता हूं?  मैं तो आपके किसी भी लेने देने में नहीं हूं ना।अगर आप चाहो तो मैं तो आपको बैंगलोर ला सकता … Read more

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