बहू को बेटी मानें… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi
हेमा जी दोनों हाथों में चाय का कप लिए… सोमेश जी के बगल में जाकर बैठ गईं… वे सुबह-सुबह अखबार हाथ में लेकर व्यस्त थे… हेमा जी ने एक कप उनकी तरफ बढ़ाते हुए कहा…” निधि के ससुराल से फोन आया था… वहां तो जाना ही पड़ेगा… क्या करेंगे…!” सोमेश जी ने अखबार मोड़ कर … Read more