गृहप्रवेश (भाग 5) – मंजरी त्रिपाठी
नहीं नताशा ऐसी कोई बात नहीं है।मुझे तुम्हारे भाई की सगाई से भला क्या दिक्कत हो सकती है।मुझे ना खुशी है और ना ही कोई दुख। अरे आप ऐसे कैसे बोल रहे हैं….कोई बात हुई है क्या??मिहिर की बात सुनकर नताशा चोंकते हुये बोली। कोई बात नहीं हुई नताशा बस मैं आश्चर्यचकित हूँ कि तुम … Read more