पंख – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 96

जब आज संजना को अपनी तीनों बेटियों में सबसे छोटी बेटी पंखुरी का ज्यूडिशरी का रिजल्ट पता चला तो उसकी आंखों से खुशी के साथ-साथ वक्त और अपनों ने दिए जख्मों को याद कर मिश्रित आंसू की झड़ी लग गई। वह दौड़कर घर में बने मंदिर में सिर नवाकर ईश्वर का धन्यवाद कर रोने लगी। … Read more

बेटी गुरुर.. बहू क्लेश..? – रोनिता : Moral Stories in Hindi

New Project 91

मम्मी जी..! आंचल की सासू मां का फोन आया था… वह आंचल की गोद भराई की रस्म है, हमें बुलाया है…. नायरा ने अपनी सास गायत्री जी से कहा…  गायत्री जी:   अच्छा… पर समधन जी ने मुझे फोन ना करके तुम्हें क्यों किया…? नायरा:   वह कर रही थी कि आपका फोन नहीं लग … Read more

ब्रांडेड सोच – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

New Project 40

#गुरूर# ब्रांडेड सोच जब पंद्रह लाख की कार दरवाजे पर खड़ी हुई तो मिताली के चेहरे की पुलक आंखों की चमक और ठसक देखते बनती थी। एक गुरूर सा छा गया था उसके चेहरे पर ही नहीं शरीरके हर हाव भाव पर भी। कार के आते ही मानो सब कुछ बदल ही गया था।चलने का … Read more

ख़ुद को श्रेय क्यों न दूँ ??? – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

New Project 67 1

सपना एक गरीबी घर की लड़की थी , उसका बचपन बहुत ही अभाव में गुज़रा लेकिन उसे अपने घर की गरीबी से कोई शिकवा शिकायत नहीं थी।  सपना पढ़ने में होशियार थी।  उसके पिता रमेश जी ने एक सरकारी स्कूल में उसका दाखिला कराया हुआ था , इसी सरकारी स्कूल से सपना ने 12वीं का … Read more

गुरूर – खुशी प्रजापति : Moral Stories in Hindi

New Project 78

एक गाँव में एक राजा रहता था जो निर्दयी और घमंडी था। एक बार एक वृद्ध राजा के दरबार में आया और बोला महाराज! क्या आपके पास मेरे योग्य कोई कार्य है यदि हो तो बताइए। राजा बोला अभी मेरे पास कोई ऐसा कार्य नहीं जो तुम्हारे योग्य हो। वृद्ध बोला महाराज कृपा करें मेरी … Read more

मेरे पापा मेरा गुरुर हैं – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

New Project 94

“बेटी,बड़ी हो रही है अभी भी आप उसके साथ बच्चों की तरह आंख मिचौनी खेलते रहते हैं।”रमा झल्लाते हुए बोली। “रमा,यही तो समय है जितना अपनी बेटी का साथ लाड लगा सकूं उसके साथ मस्ती कर सकूं।बड़ी होकर तो ये अपने ससुराल चली जाएगी।क्या पता फिर इससे मिलने के लिए भी तरस जाऊं।”सुरेश जी कहते … Read more

मेरा गुरूर मेरी सासू मां – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 49

यों तो समाचार पत्रों में अधिकतर ऐसी-ऐसी खबरें समय समय पर प्रकाशित होती रहती हैं कि फलां बहिन ने अपने भाई को किडनी देकर उसकी जान बचाई या कभी बेटी ने अपने पिता को किडनी दी।लेकिन आज की खबर इन सब खबरों से एकदम अनूठी थी,खबर ही कुछ ऐसी थी कि जो भी पढ़ता ,दांतों … Read more

गुरूर -प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’ : Moral Stories in Hindi

New Project 59

“अरे बहुओं को थोड़ा कंट्रोल में रखना चाहिए नहीं तो घर बिगड़ते देर नहीं लगती….” रामदयाल जी ने अपने छोटे भाई किशनलाल से कहा जिनकी बहू किसी बात से नाराज होकर एक दिन पहले अपने मायके चली गई थी। “अब क्या बताएं राहुल भी तो नहीं कहता कुछ उससे…अब हम भी कब तक कहें…हमारा ज्यादा … Read more

सोने की अंगूठी -शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

New Project 60

हमनें अभी  नई काॅलोनी में शिफ्ट किया था।यह काॅलोनी पुरानी काॅलोनी से काफी दूर थी सो यहाँ सारी व्यवस्थाएं नये सिरे से करनी पड़ी। जैसे दूधवाला , पेपर वाला, कामवाली मेड ,प्रेसवाला सामान के लिए परचूनी की दूकान ।पेपर देने वाला लड़का जिसे हम गुप्ता जी के नाम  से बुलाते थे यही कोई तेइस-चौबीस वर्ष … Read more

कठपुतली – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

New Project 55

आख़िर क्यों कोई मुझे नहीं समझता , क्या मैं इस घर के लिए सिर्फ कमाई का एक साधन मात्र हूँ ??? क्या मेरे अपनी कोई इच्छा कोई चाहत नहीं है ??? यहां हर कोई मुझसे ही क्यों हर तरह की उम्मीद लगाए बैठा है ??? अपनी कुछ ज़िम्मेदारी ये सब ख़ुद क्यों नहीं उठा सकते … Read more

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