क्या कहें हमारे तो करम ही फुट गए जो ऐसी संतान को जन्म दिया – शनाया अहम  : Moral Stories in Hindi

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माँ,पापा , आप दोनों अच्छे से सुन लो मुझे अब आप लोगों की ज़रूरत नहीं है , मैं बड़ी हो गई हूँ , मेरी ख़ुद की एक पहचान है।  अगर एक मल्टीनेशनल कंपनी में एक ऊँची पोस्ट पर काम करने के बाद ,सारे स्टाफ को अपने अंडर काम करवाने के बाद भी अगर मुझे अपने … Read more

ऐसी कैसी औलाद  – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

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आज पार्क में घूमने में बड़ा आनन्द आ रहा था मौसम बड़ा सुहाना था । कुछ देर मौसम का आनन्द उठाने के बाद पार्क से घर जाने को बाहर निकलीं तो रोड पर मिसेज शर्मा मिल गई जो हमारी पड़ोसी भी है और हम दोनों हम उम्र भी है ।30 सालों से हमलोग एक मोहल्ले … Read more

कोई इतना कोसता है क्या – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

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सारे लोग आज सरला चाची के घर पर इकट्ठे हो रखे थे सौ लोग सौ तरह की बातें कर रहे थे… इन सब के बीच में किसी के ज़ोर जो से रोने की आवाज़ कानों को भेद रही थी… करूण रुदन सुन कर सबका मन व्यथित हो रहा था पर होनी तो हो चुकी थी … Read more

बेटा परछावा तो अपनों का ही पड़ता है – बीना शर्मा : Moral Stories in Hindi

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सुलक्षणा ड्राइंग रूम में बैठकर अखबार पढ़ रही थी कि तभी  उसका बेटा अतुल उसके पास आकर कुर्सी पर बैठते हुए दुखी स्वर में बोला “मम्मी जी हमारे तो  कर्म हीं फूट गए जो ऐसी संतान को जन्म दी  सर में  तेज दर्द हो जाए तो  तो बेटा हाल-चाल भी नहीं पूछता 2 घंटे से … Read more

क्या कहें हमारे तो करम ही फूट गए जो ऐसी संतान को जन्म दी – सांची शर्मा : Moral Stories in Hindi

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सुरेखा जी और गोपाल जी अपने बुढ़ापे को अंधकार में देखते हुए आपस में बातचीत कर रहे थे कि क्या कमी रह गई थी उनकी परवरिश में जो उनके बेटे अंकित ने इस उम्र में उनको यह दिन दिखाया।  काजल, पूजा और अंकित के पिता गोपाल जी सरकारी स्कूल में अध्यापक थे और उनकी मां … Read more

श्राप – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

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कान्हा ! आज तो ऑफिस जाना ही पड़ेगा, अब तो छुट्टी नहीं मिलेगी….. तुम्हारी तो कक्षाएँ नहीं लग रही तो बेटा ,दादी  और पापा का ध्यान रखना….. तुम्हारा खाना टेबल पर रखा है… छोटे कैसरोल में सब्ज़ी और बड़े में रोटी …. दादी  और पापा की खिचड़ी कुकर में इंडेक्शन पर बनी रखी है….. बस … Read more

आज की पीढ़ी – दिक्षा बागदरे : Moral Stories in Hindi

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यह कहानी है निरवी की। निरवी एक आम गृहिणी है। सभी गृहिणियों की तरह वह भी सुबह से लेकर रात तक अपने घर के सारे कामों को करने में व्यस्त रहती है।  सास-ससुर, पति, बच्चों किसको कब क्या चाहिए ? किसको कब लाना है, कब छोड़ना है ? बाजार के काम निपटाना आदि सभी दैनिक … Read more

क्या कहें हमारे तो कर्म ही फूट गए जो ऐसी संतान को जन्म दी – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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आपने कोई अहसान नहीं किया हमारे ऊपर, हमें इतने ऊंचे ऊंचे पदों पर पहुंचा कर, कौन मां-बाप नहीं करते.. सभी करते हैं और आप देखना.. हम अपने बच्चों के लिए आपसे ज्यादा करेंगे, हमने अपने बच्चों को कभी भी किसी चीज की कोई कमी नहीं होने दी, हर सुविधा दी है उनके कहने से पहले … Read more

क्या कहें हमारे तो कर्म ही फूट गए जो ऐसी संतान को जन्म दी – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

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शारदा घर के सारे काम ख़त्म करके टी वी देखने के लिए बैठक में पहुँची । उसके पति रघुनाथ जी ने हँसते हुए कहा कि तुम्हारे सीरियल का समय हो गया है क्या? शारदा ने हाँ में सर हिलाया और सीरियल देखने लगी तभी अचानक टी वी बंद हो गया था तो उन्होंने सोचा बिजली … Read more

*करमजला* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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अरे करम जले कुछ तो सोचा होता,सारे कस्बे में थू थू हो रही है।हमे तो तूने कही मुँह दिखाने लायक भी नही छोड़ा।        माँ, क्या कह रही तू,तुझे क्या अपने राजू पर जरा भी यकीन नही है, क्या मैं ऐसा कोई काम करूंगा जिसे हम पर धब्बा लगे?      तो बता क्या आजकल तू उस हरिजन … Read more

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