किस्मत वाली बहू – रोनिता : Moral Stories in Hindi

New Project 95

क्या बात है मां? कुछ कहना था? राज ने खाना खाते हुए अपनी मां प्रभा जी से कहा।  प्रभा जी:   हां वह पूछना था कि आज भिंडी कैसी बनी है?  राज:  हां अच्छी बनी है।  प्रभा जी: वह तो बननी ही थी, भिंडी के काटने के तरीके पर ही उसका स्वाद निर्भर करता है, … Read more

किस्मत या कर्मफल – आशा झा सखी : Moral Stories in Hindi

New Project 96

आज मानवी अपना सारा गृहकार्य समाप्त कर पढ़ने के लिए बैठी, सासु माँ ने आवाज लगा दी। अरे मानवी चाची जी आयी है। जरा दो कप चाय तो बना दो। मानवी ने झुंझलाकर अपनी किताब बन्द की और पहले आकर चाची सास के चरण स्पर्श कर उनका आशीष लिया और हालचाल लिए। फिर चाय – … Read more

भाविया – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

New Project 46

 उज्ज्वला  और आशीष के विवाह को 5 वर्ष पूरे होने जा रहे थे। आशीष की मां सुनीता जी को उनके यहां अभी तक संतान न होने की चिंता सताती रहती थी। व्रत, पूजा, अनुष्ठान,दवाइयां सब कुछ करवा चुकी थी  विवाह को छठा  साल भी शुरू हो चुका था।   तब ईश्वर की कृपा हुई और उज्ज्वला  … Read more

पहल – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

New Project 68

मम्मी! सर्दियाँ शुरू हो गई है । चलो ये पुराने कपड़े किसी को दे आएँ ताकि नए कपड़ों के लिए जगह बन जाएँ । निक्की, क्या सारे ही गर्म कपड़े निकाल दोगे ? पहनकर देख लो ,अभी तो एकदम नए हैं ।  पर इस साल इनका फ़ैशन नहीं रहेगा मम्मी!   दूसरे कमरे से आती अपनी … Read more

किस्मत वाली – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 6

पूरे चार साल तक कैंसर जैसी गहन बीमारी से जूझते रहने के बाद आखिर अस्पताल के बैड पर ही सरिता जी ने आखिरी सांस ली,उस समय उनके पास उनकी सहेली जैसी बहू अमिता के अलावा कोई नही था। जबकि डॉक्टर ने दो घंटे पहले ही यह कह दिया था था कि इनके पति व बेटे … Read more

किस्मत वाली – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

New Project 70

सोनम (४४  बर्ष ) बहुत ही अच्छी महिला थी | वह अपना होटल चलाती  थी | बहुत ही कम दाम में खाना खिलाती थी लोगो को  | और रात को १० बजे होटल बंद करती थी | जो कुछ भी खाने  का सामान बच जाता वो पैक कर के  रख लेती | रास्ते में  जो … Read more

मासूम फूलों को संभालिये – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 72

वो अपनी तकलीफ किसी को नही बताती बस अकेले में घुटती जाती थी। धीरे धीरे उसे खुद से घृणा होने लगी अपने जिस्म पर उसे चींटियां सी रेंगती नजर आती और वो पागलों की तरह स्नानघर में घुसकर नहाने लगती मानो वो चींटियां हटा रही हो। ” क्या बात है तृषा बहुत दिनो में देख … Read more

किस्मत वाली या बदकिस्मत – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 88

सब कुछ अपनी बहन पर ही लुटा देना.. हमारे बारे में सोचने की क्या जरूरत है..  जब एक दिन हम सड़क पर आ जाएंगे तब तुम्हें पता चलेगा, क्या ठेका ले रखा है उसकी हर फरमाइश पूरे करने की, भाई हो बाप नहीं, पूरे 14 साल की हो गई है, अरे… अब तो इसकी शादी … Read more

पिया जी मैं तो आपको छोड़कर न जाती – सिन्नी पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

New Project 89

मंजरी का विवाह एक सम्पन्न परिवार में हुआ था,वह बहुत खुश थी। चूंकि वो एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से थी,तो उसके लिए यह शादी किसी सपने के पूरी होने जैसे थी।वो अपने को बहुत किस्मतवाली मानती थी । वह सुबह जल्दी उठने से लेकर घर के सारे कार्यों की ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ले चुकी थी। … Read more

एक ही बेटी है। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 91

सुबह से ही सुधा की मां कांता जी बहुत खुश थी कि आज उनके कलेजे की कौर वापस घर आयेगी, वो सुबह से ही पकवान बनाने में जुटी हुई थी। उसकी पसंद का सारा खाना बना दिया, और पलकें बिछाकर उसका इंतजार करने लगी।  अभी तक भी नहीं आई वो बरामदे में बेचैनी से चहलकदमी … Read more

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