छोटी बहन – नीलम गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 41

कभी कभी सेवा करवाने के लिए बीमार होने का दिखावा भी करना पड़ता है____________ अनुपमा उर्फ़ अनु, मेरी छोटी बहन बहुत प्यारी है l मेरा हर कहा मानती है l अपने चार साल छोटी अनु पर मैं खूब रॉब चलाती हूँ – अनु एक गिलास पानी देना l अनु मेरे बेग में से हिन्दी की … Read more

बीमार होने का बहाना… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

New Project 46

“तुम्हारा तो रोज का हो गया है… कभी कमर दर्द… कभी पेट… कभी हाथ… आज कुछ नहीं मिला तो घुटना लेकर बैठ गई… अब मुझे तो और कोई काम बचा नहीं लगता है…  अच्छा बताओ… कितना दवा ही खाओगी…  मां… तुम ही से बोल रहा हूं… कुछ तो बोलो…!”  मां गिरिजा देवी कुछ नहीं बोलीं… … Read more

माया की बुद्धिमत्ता – कमलेश वाजपेयी : Moral Stories in Hindi

New Project 57

माया देवी एक सत्तर वर्षीय महिला थीं, जो एक अर्धशहरी  जनपद में, अपने बड़े से घर में अकेली रहती थीं. उनके पति का निधन कुछ वर्षों पहले हो चुका था.   उनके दो बेटे – नीरज और अमित – अपने अपने परिवारों के साथ रह कर, महानगरों में, अच्छी नौकरी करते थे. बेटों ने माँ से … Read more

इतना तो बनता ही है – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

New Project 95

माँ, आप कल बच्चों के साथ  क्यों सोई  थी ?  क्यों… क्या मैं बच्चों के साथ नहीं सो सकती?  सो सकती हैं पर वो बाबूजी रात में अकेले रहे । मैं तो केवल ये कह रही थी कि अंश को बाबूजी के पास भेज देती या  आप दोनों पोतों के साथ रहना चाहती थी तो … Read more

अचूक फार्मूला – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

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शिनी , मोनू सब आ जाओ डाइनिंग टेबल पर खाना लग गया है शिनी जरा अपने पापा को भी आवाज दे दो लैपटॉप में व्यस्त होंगे प्रीति ने जोर से आवाज लगा सबको बुलाया लेकिन कोई टस से मस ही नहीं हुआ। छुट्टी का दिन तो जैसे और भी लंबा हो जाता है प्रीति के … Read more

दादाजी का नाटक – इंदु निगम : Moral Stories in Hindi

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ग्राम सहारा में रहने वाले दीनदयाल चौधरी, जिन्हें सभी प्रेम से  दादाजी; कहते थे, गाँव के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति थे। उनकी उम्र अस्सी के करीब थी, लेकिन वे आज भी चुस्त-दुरुस्त और हँसमुख स्वभाव के व्यक्ति थे। उन्होंने जीवनभर खेती-बाड़ी की, अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दिए, और समाज सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहे। … Read more

बुजुर्ग की अनकही चाह – संजय निगम : Moral Stories in Hindi

New Project 94

रामदीन काका एक छोटे से गाँव में रहते थे। उम्र का असर उन पर साफ़ झलकता था – सफेद बाल, झुकी हुई कमर और चलते समय लाठी का सहारा। उनके तीन बेटे थे – सुनील, विनोद, और मनीष, जो अब शहरों में बस चुके थे और अपनी-अपनी नौकरियों और परिवार में व्यस्त थे। रामदीन काका … Read more

कभी- कभी सेवा करवाने के लिए बीमार होने का दिखावा भी करना पड़ता है – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

New Project 43

विमला जी (६० बर्ष) अपने बेटी को बहुत बहुत ज्यादा मानती थी | हर बात पे मेरी बेटी ,मेरी बेटी करती रहती थी | विमला जी के पति राजेश जी, बहुत  समझदार और सुलझे हुए बुद्धि विचार वाले व्यक्ति थे | उन्ही के कारण उनके परिवार में  सब  हसी खुशी चल रहा था | उनका … Read more

*सुकून की परीक्षा* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 47

      मु —  न्ना,जल्दी आ रे देख तो तेरे बाबूजी को क्या हो गया है?जल्दी आ रे।          मम्मी क्या हुआ बाबूजी को?अरे ये तो बेहोश लग रहे हैं।मैं इन्हें अभी हॉस्पिटल लेकर चलता हूँ।मम्मी तुम चिंता न करो,मेरे बाबूजी को कुछ नही होगा।         राम शरण जी ने अपने बेटे शोभित को बड़े अरमानों से पाला था,वे … Read more

कभी-कभी सेवा करवाने के लिए बीमार होने का दिखावा भी करना पड़ता है – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 57

क्या हुआ मम्मी.. हमें तो जैसे ही भाभी  ने बताया कि आपकी तबीयत सही नहीं है हम तो दौड़े चले आए देखने, पर  आप तो सही लग रही हो, वैसे डॉक्टर ने क्या बताया? कुछ नहीं बेटा.. कुछ दिनों से हाथ पैरों में दर्द थकान कमजोरी और चक्कर से आते थे, कल तुम्हारे पापा के … Read more

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