उपहार की कीमत नहीं दिल देखो …… – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

New Project 78

रीमा और सीमा भाई के जन्मदिन पर आती है, सीमा अपनी भाभी चेतना को गोल्ड की चैन दिखाते हुए कहती- ” भाभी देखो मैं भैया के लिए गोल्ड की चैन लाई हूं, देखो भाभी भैया को ये डिजाइन अच्छी लगेगी? ” तब उसकी भाभी चेतना कहती – अरे वाह इतनी मंहगी चैन !! ये तो … Read more

आशीर्वाद ही सबसे बड़ा उपहार है। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 84

सुबह से घर में चहल-पहल थी, वंदना जी घर की साफ-सफाई करवाने में लगी थी, अखिलेश जी फूल मालाओं और बाकी की व्यवस्था देख रहे थे, उनका बेटा नवीन खाना-पीना मंगवाने के लिए लगातार फोन पर था, और बहू केतकी नन्ही सी बेटी को मातृत्व के स्नेह से सींच रही थी। अभी कुछ दिनों पहले … Read more

उपहार की कीमत नहीं देनेवाले की नीयत देखी जाती है – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

New Project 89

गोल्डन पब्लिक स्कूल की  बच्चों की छुट्टी हो चुकी थी। अचानक   एक रजिस्टर  लेकर आए क्लर्क   धीरज भैया से  आकांक्षा ने पूछा ये क्या है भैया ?   धीरज भैया हँसते हुए बोले खुद देख लीजिए मिस  पता नहीं क्या है । आकांक्षा ने रजिस्टर लेकर पढ़ना शुरू किया ।  डियर टीचर्स  प्लीज … Read more

उपहार की कीमत नहीं दिल देखा जाता है – राजेश इसरानी : Moral Stories in Hindi

New Project 91

मां आज मेरी सबसे खास सहेली का जन्म दिन है। उसने शाम को सात बजे अपने घर पार्टी में बुलाया है।  क्या तोहफा लेके जाऊ, बताओ न मां। वो बहुत अमीर लोग है तुम उनके लिए क्या लेके जाओगी। वहां सब बड़े बड़े लोग आयेंगे बड़े बड़े तोहफे लेके उनके सामने तुम्हारा तोहफा कुछ मायने … Read more

तोल-मोल – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

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रेखा जी अपनी बेटी शमा के साथ बैठ एक-एक उपहार खोलकर तोल-मोल कर रही थी। नव विवाहिता बेटा बहू घुमने गये थे। शमा भी हर उपहार पर अपनी टिप्पणी दे रही थी। “मम्मी, देखो ये पुराने जमाने का पर्स। कलर भी कितना फीका-फीका है। लगता है, चार सौ, पांच सौ से ज्यादा नहीं होगा।” ” … Read more

उपहार – शैलेश सिंह “शैल,, : Moral Stories in Hindi

New Project 97

कुमार जी शहर में एक मल्टीनेशनल कम्पनी में जॉब करते थे। शहर में ही उनका बंगला था और उनके पास सभी तरह की शहरी सुख सुविधाएँ थी। बच्चे कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ते थे और एक अच्छा जीवन जी रहे थे। वर्ष में एक दो बार कुमार जी का  परिवार के साथ गाँव आना जाना हो … Read more

दादी की शादी में मिला, वो संदूक – मनु वाशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

New Project 99

अस्सी नब्बे साल पहले, आज जैसा माहौल नहीं था। आज तो लड़कियां अपनी शादी में सब कुछ कपड़े, ज्वैलरी, होटल, खाने की, रुकने की व्यवस्था से लेकर हनीमून तक की प्लानिंग अपनी पसंद अनुसार करती हैं। पहले तो शादी का नाम सुनकर ही रोना धोना शुरू हो जाता, कई बार खुश होने पर भी लड़कियां … Read more

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