मोहर – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : आज रेवती की नवजात बेटी का नामकरण संस्कार होना था।उसकी बेटी ने उसकी दुनिया में कदम रखकर मानों सही मायने में रेवती को भी नवजीवन दिया था। कहते हैं कि आने वाला बच्चा अपने साथ बहुत बदलाव लेकर आता है,आज इस बात पर रेवती को यकीन हो गया था। रेवती … Read more

इलज़ाम, आखिर क्यों? – पूजा शर्मा  : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : सुबह की सैर से घर में घुसते ही नीरज ने मां को आवाज़ लगाई और एक कप चाय बनाने के लिए कहां उसकी मां उसके लिए चाय बनाने रसोई में चली जाती है तभी उसके फोन की घंटी बजती है फोन उठा कर देखता है उसकी बहन प्रीति का फोन … Read more

आरोप–प्रत्यारोप – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi :  तुम्हारे ही मजे हैं सोनम, एक हमें देखो नौकरी भी करो, घर का काम भी देखो। गृहिणी की एकदम टिप टॉप मस्त ज़िंदगी होती है। जब मन करे टीवी के सामने बैठ जाओ, जब मन करे सो जाओ। एक साथ ही ढलती शाम में ठेले पर से सब्जी लेती हुई … Read more

“इलज़ाम” – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : स्वाति कमरे में सोने गई थी पर नींद उसकी आँखों से कोसों दूर थी फिर भी आँखें बंद करके सोने की कोशिश कर रही थी । उसी समय माँ के कमरे से चीखने की आवाज़ें सुनाई देने लगी। वे भाई को पुकार रहीं थीं रवि जल्दी आ देख तेरे पापा … Read more

अपेक्षाओं से आजादी – छवि गौतम : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : ” भईया पतो ना काई काम में इतनी बिज्जी रहवे तेरी बहू ; के बालको को टाइम से रोटी भी ना दे सके । सबरे दिन बालक यूं ही भूखे इधर से उधर डोले”, । कम से कम बालको का तो ध्यान रखना चाहिए बस ब्रेड खिला खिलाकर फूल से … Read more

मुझे विश्वास है – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : शौर्य और माही, बहुत सुंदर जोड़ी। नया नया विवाह हुआ था। पहले से दोनों 7 साल से एक दूसरे को जानते थे और अब विवाह के बंधन में बंध गए थे। आज दोनों की विवाह की रिसेप्शन पार्टी थी। माही सिल्वर गाउन में और शौर्य ग्रे कलर के कोट पेंट … Read more

पुरुष सदैव अपराधी नहीं होता – शफ़क रश्मि : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ये कहानी मेरे आस पास घटित हुई सच्ची घटना है। सदाकांत जी और उनका पुत्र अमित आज फिर उदास थे, क्योंकि उनके पास अदालत से सम्मन आया था जो किसी और ने नहीं बल्कि उनकी बहू रेवा ने भिजवाया था। सदाकांत जी बैठे बैठे अतीत में खो गए, उनका एक … Read more

एक और मौका- कविता झा’काव्य ‘अविका”: Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : रात का अंधेरा बढ़ता जा रहा था रीतिका बार बार बालकनी में जाती और गली के दोनों तरफ अंतिम छोर  तक देखती फिर स्याह बादलों से घिरे आसमान की तरफ देखती।  रात के डेढ़ बज रहें हैं और रागिनी अभी तक घर नहीं आई। फोन भी उसका स्विच ऑफ आ … Read more

प्रेम पर इल्ज़ाम कैसे लगने दूं?? – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “मां,ओ मां!कहां हो तुम?”अर्घ की पुकार सुनकर मीना तेजी से रसोई से बाहर आई।”क्या हुआ ये?क्यों इतनी जोर से चिल्ला रहा है?उसने पूछा। “मां,पूजा का बोनस मिलेगा मुझे इस बार।माना कम मिलेगा औरों से, क्योंकि ज्वाइनिंग देर से हुई थी।मिलेगा तो कम से कम।”अर्घ बहुत खुश होते हुए बोला। मीना … Read more

इल्जाम अपनों का – अनिला द्विवेदी तिवारी : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : अंकिता और  उत्तरा दोनों देवरानी जेठानी थीं। उनमें बहुत बनती थी। इनका संयुक्त परिवार था। ससुर चार भाई थे। बड़े भाई की बहू अंकिता थी और दूसरे नंबर के भाई की बहू उत्तरा। उनमें  सगी बहनों के समान  अपार प्रेम था। उनके प्यार और स्नेह से  परिवार में कुछ लोग … Read more

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