जब सब्र का पैमाना छलक गया : samajik kahaniya

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सुधा सुबह जल्दी-जल्दी काम निबटा रही थी। आज वह मां   से मिलने जाना चाहती थी। रात को उनका फोन आया था के वे  बीमार थीं और उससे मिलना चाहती थी। बहु को जल्दी काम निबटाते देख उसकी सास केतकी बोली  बहु कहीं जाना है क्या? तुम जल्दी काम निबटा रही हो।  सुधा बोली हाँ … Read more

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