तलवार की धार – लतिका श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

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..हल्के पीले रंग उड़े सा कुर्ता सलवार … करीने से पूरी तरह फैला कर ओढ़ा हुआ दुपट्टा कमर तक लटकती गुथी हुई एक चोटी पैरों में एकदम साधारण चप्पलें पहनी हुई वह सामान्य लेकिन आकर्षक सी लड़की बस का इंतजार कर रही थी…शायद परीक्षा देकर आ रही थी और उसका पेपर भी शायद बहुत बढ़िया … Read more

घर की इज्जत – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

New Project 57

राहुल ने अपने साथ जॉब करने वाली इशिता से लव मैरिज कर ली थी,शुरू शुरू में उसके पेरेंट्स नाराज रहे पर  दो बहनों के इकलौते भाई होने के कारण,वो ढीले पड़ गए और उन्हें बहू  बेटे को घर में आने दिया। इशिता की हर संभव कोशिश रहती कि वो सास ससुर को पूरा सम्मान दे,उन्हें … Read more

शर्मसार – रश्मि झा मिश्रा। : Moral stories in hindi

New Project 46

भैया आपको जरा भी शर्म नहीं आई… ऐसे आने में… देखिए सब कितना कुछ लाए हैं… कितने महंगे महंगे गिफ्ट… गहने.. कपड़े.. और आप क्या सिर्फ चांदी की मठिया और कपड़े लेकर आ गए… क्या कहूंगी मैं सबको… कैसे दिखाऊंगी… अब तो शर्मसार करना बंद करिए… हमेशा से आपका वही रोना रहा है….!  नीता अपने … Read more

अब तो शर्मसार करना बंद करो- मनीषा सिंह। : Moral stories in hindi

New Project 42

“नहीं मम्मी, आप रहने दो—–! मुझे अभी शादी नहीं करनी है! “पापा प्लीज समझाइए ना मम्मी को, संजना अपने पापा कैलाश जी से बोली। ” पर बेटा यह रिश्ता अच्छा है” तभी तो तेरी मां इतनी जिद कर रही है कैलाश जी अपनी पत्नी पुष्पा जी के बात का समर्थन करते हुए कहा। ” हां … Read more

कितना शर्मशार करोगे – मंजू ओमर  : Moral stories in hindi

New Project 2024 04 29T215107.227

मर क्यों नहीं जाता तू कितना शर्मशार करेगा ,कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा,हे भगवान इसे उठा क्यों नहीं लेता तू कुसुम आंटी बराबर उसको डंडे से पीटती जा रही थी। आखिर में वो डंडा भी दो टुकड़ों में टूट गया। प्रकाश जी जो उनके पड़ोसी थे कुसुम आंटी को पकड़कर घर तक छोड़ने आए … Read more

समधन जी आपकी सोच कितनी शर्मसार करने वाली है… – अमिता कुचया  : Moral stories in hindi

New Project 2024 04 29T105042.754

सुशीला अपनी पोती के होने से हमेशा दुखी रहती है ।वह बहू को हमेशा ताने देती रहती है, उसकी उंगली करने की आदत रहती है।वह  उसे ही दोष देकर कहती हैं -अगर बहू पोता होता तो मैं मिठाई बंटवा देती।काश पोता होता।अब क्या कहूं किसी से••••उसे अंदर ही अंदर बहुत बुरा लगता है। फिर एक … Read more

बड़े दिलवाली है – विभा गुप्ता   : Moral stories in hindi

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 ” हा-हा…इसका रंग तो देखिये…कितना भड़कीला है..।” ” हाँ …डिजाईन तो ऐसा कि अपनी कामवाली चंपा भी देह पर न लगाये..।”      ” अब छोटे घर वालों की पसंद तो ऐसी ही होगी न बड़ी बहू…।”        ललिता जी अपनी दोनों बहुओं सुनिधि और अदिति के साथ बैठकर छोटी बहू पूजा के मायके से आये कपड़े-गहनों की … Read more

मुझे अपने बेटे पर शर्म आती है – अर्चना खंडेलवाल  : Moral stories in hindi

New Project 2024 04 29T104516.742

आदित्य के कमरे का दरवाजा अभी तक भी नहीं खुला था, सुबह के नौ बज रहे थे और मंजू जी कब से उसके उठने का इंतजार कर रही थी, कभी वो घड़ी को देखती तो कभी रसोई में ठंडे हो रहे नाशते को, फिर सोचा जाकर दरवाजा बजा देती हूं, पर आदित्य का गुस्सा याद … Read more

मर्मान्तक चोट – बालेश्वर गुप्ता  : Moral stories in hindi

New Project 98

अबे लड्डन इधर आ,हरामखोर अपने शर्मा जी का लौटा चुराते तुझे शर्म नही आयी।तूने हमे कही मुँह दिखाने लायक नही छोड़ा।      गलती हो गयी बापू माफ कर दे।     माफी मांगनी है तो शर्मा जी से मांग।उन्होंने माफ कर दिया तो ठीक,नही तो तेरा खाना पीना बंद।       शर्मा जी बोले अरे छोड़ो गिरधारी,बच्चा है।माफी मांग रहा … Read more

बहू है वो तुम्हारी – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

New Project 97

“ मम्मी जी आज शाम की पार्टी में कौन से कपड़े पहनूँ एक बार मुझे बता दीजिए… नहीं तो फिर…।” सुकन्या ने सासु माँ गरिमा जी से पूछा  “ हाँ हाँ आकर बता रही हूँ…।” कह गरिमा जी काम में लग गई  कुछ देर बाद सुकन्या के कमरे में जाकर उसकी पूरी अलमारी खंगालते हुए … Read more

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