मुझे अपने बेटों के साथ नहीं रहना है – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi
मम्मी, दादी आ गई है, ये सुनते ही मुक्ता के सिर की त्योरियां चढ़ गई, और वो रसोई से बाहर आ गई, ड्राइंग रूम में लगी घड़ी की ओर देखते हुए बोली, ‘आप तो शाम को आने वाली थी, अभी तो सुबह के दस ही बजे हैं, अभी तो हम नाश्ता ही कर रहे हैं, … Read more