अपमान बना वरदान -डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi
“कब तक— कब तक मेरी छाती पर मूंग दलती रहेगी– कमबख्त– मरती भी नही है–” दादी कोसे जा रही थीं शोभा को।शोभा बीस वर्षीय युवती जिसने लड़कपन में ही वैधव्य की चादर ओढ़ ली थी –अपने निर्धन माता पिता के कारण।घर में रोटी के भी लाले थे– दादी,चार बहनें और रुग्ण पिता– माँ थोड़ा बहुत … Read more