मामी डाँटती हैं – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

New Project 49

अरे आ गया मेरा लाल नानी के घर से….. माया ने अपने पोते आरव को प्यार से पुचकारते हुए कहा…. । हाँ आ गया दादी ….पर अब वहाँ कभी नहीं जाऊंगा ….मुंह बनाते हुए आरव ने दादी के गले लगते हुए कहा…। अरे क्या हो गया मेरे लाल को ….?? क्यों गुस्सा हो गया नानी … Read more

“सुंदर बहू” – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 60

बहू.. हम सभी दिव्या की शादी की खरीदारी करने के लिए बाजार जा रहे हैं तो पीछे से घर का ध्यान रखना और खाने पीने की तैयारी रखना हमें आने में देर हो जाएगी और हां पीछे से टीवी मोबाइल में व्यस्त मत हो जाना या फिर अपने घर वालों से ही फोन पर चिपकी … Read more

अब तो इसके आराम के दिन आए हैं… – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

New Project 69

 “ ये क्या माँ फिर तुम्हारे पैरों में दर्द बढ़ गया ….कितनी बार समझाया है तुम कोई मशीन नहीं हो…. जो दिन रात खटती रहती हो….अरे माँ इन दुनिया वाले के लिए तुम  बस एक इंसान हो लेकिन मेरे लिए तुम पूरी दुनिया हो…. क्यों नहीं समझती हो इस बात को…. तुम्हें कुछ हो गया … Read more

अपमान – पुनीत बरई : Moral Stories in Hindi

New Project 11

राधिका एक गाँव की लड़की थी, जो पढ़ने-लिखने में बहुत अच्छी थी। लेकिन, जैसा कि अक्सर गाँवों में होता है, जैसे ही लड़की बड़ी होती है, उसकी शादी की चिंता शुरू हो जाती है। राधिका ने अपने पिता से पढ़ाई पूरी करने के बाद ही शादी करने का आग्रह किया। उसके पिता, जो एक किसान … Read more

अपमान – दमयंती पाठक : Moral Stories in Hindi

New Project 70

रीमा एक साधारण गाँव की महिला थी, लेकिन उसके विचार और आत्मविश्वास असाधारण थे। वह पढ़ी-लिखी थी और महिलाओं को शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करने का प्रयास करती थी। गाँव के लोग रीमा की सराहना करते, लेकिन कुछ लोग उसकी तरक्की और सोच से ईर्ष्या भी रखते थे। एक दिन, गाँव के … Read more

अपमान – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

New Project 72

राधेश्याम जी हाथ को पीछे किए लोन में चक्कर काटे जा रहे थे और मन ही मन बड़बड़ाने का सिलसिला जारी था। तभी उनकी पत्नी  मृदुला जी पानी का गिलास लेकर पहुंचीं ” ये लीजिए कम से कम कुल्ला तो कर लीजिए।” हो सकता है ट्रेन लेट हो। राधेश्याम जी ने घड़ी देखी फिर बोले … Read more

स्वच्छंद परिंदा – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 34

 कितना बदल गया है मुन्ना,अपने बाप का इतना तिरस्कार?कैसे रहूं इसके साथ?प—र- इस उम्र में जाऊं भी तो कहाँ?किसी वृद्धाश्रम में ही जाना ठीक होगा।हां-ये ही ठीक रहेगा।पर कौनसे वृद्धाश्रम में-कैसे पता लगाऊं?ऐसे ही सोचते सोचते शांतिशरण जी की आंख लग गयी।सोते सोते भी सपने में वही मुन्ना का व्यवहार ,घटना चित्रपट के समान तैर … Read more

मान सम्मान मायके का! – प्रियंका सक्सेना : Moral Stories in Hindi

New Project 41

दिल्ली से रक्षा बुआ के आते ही दोनों बच्चे बुआ के पास दौड़े चले आए। आठ साल का सोहम और छह साल की सलोनी कल से बुआ के आने का इंतज़ार कर रहे थे। और हो भी क्यों न! आखिरकार बुआ शादी के बाद पहली बार जो आ रही थीं। “बच्चों, बुआ अब आ गई … Read more

मुझे अपने बेटों के साथ नहीं रहना है – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T105042.754

मम्मी, दादी आ गई है, ये सुनते ही मुक्ता के सिर की त्योरियां चढ़ गई, और वो रसोई से बाहर आ गई, ड्राइंग रूम में लगी घड़ी की ओर देखते हुए बोली, ‘आप तो शाम को आने वाली थी, अभी तो सुबह के दस ही बजे हैं, अभी तो हम नाश्ता ही कर रहे हैं, … Read more

अपमान – एम. पी. सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T105042.754

हमारे पड़ोस में शर्मा परिवार रहता था। मि आनंद, उनकी पत्नी शीला, बेटा राहुल और बेटी पायल। आनंद इंजीनियर था और शीला टीचर। दोनों सर्विस करते थे ओर काफी अच्छा कमा लेते थे। राहुल जब 4 साल का था तब शर्मा जी की  पहली पत्नी का स्वर्गवास हो गया था। उसके 2 साल बाद उन्होंने … Read more

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