अपनों पर एहसान कैसा मैंने तो अपना फर्ज निभाया (भाग 2) – रेणुका टिकू  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : वचन तो बृजमोहन ने मां को दे दिया,पर छोटी सी जगह में रहकर आठ सदस्यों का पेट पालना सरल ना था। सरकारी मुलाजिम था ब्रजमोहन और वेतन ₹50।पांच बच्चों की शिक्षा इतनी कम आय में कतई संभव न थी।कुछ निश्चय कर ब्रजमोहन दिल्ली की ओर निकल गया।मां को आश्वासन दिया … Read more

अपनों पर एहसान कैसा मैंने तो अपना फर्ज निभाया (भाग 1) – रेणुका टिकू  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : इंद्रावती ने बृजमोहन को आवाज दी और एक पंक्ति में सोते हुए पांचो बच्चों के ऊपर से रजाई को हटाते हुए पूछा–यह सब कौन है बृज? कोई अंतर दिखता है तुम्हें इनमें? बृज की आंखें नम थी,धीरे से बोला–’मां,अपने ही बच्चे हैं, अंतर कैसा?और अंतर हो भी कैसे सकता है?देखो … Read more

अपनों का अहसान कैसा… ये तो मेरा फर्ज था… – अनिला द्विवेदी तिवारी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : विराट अपने चाचा के साथ शहर में रहकर पढ़ाई कर रहा था। उसके पिता गाँव में साझी गृहस्थी में खेती वाड़ी का काम सम्हाल रहे थे, इसलिए गाँव में पढ़ाई की असुविधा के चलते विराट अपने चाचा के साथ शहर आ गया। कुछ दिन तो सब कुछ ठीक चलता रहा। … Read more

ये तो मेरा फर्ज था – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

आरोही सरकारी डॉक्टर बन चुकी थी ,अपने ही अस्पताल के डॉक्टर रोहित से आज उसकी सगाई हो गई थी और दो दिन बाद ही उसकी शादी है। सगाई का फंक्शन खत्म होने पर सभी मेहमानों को विदा करने के बाद वह जैसे ही अपने घर आते हैं आरोही अपने कमरे में जाकर अपनी मम्मी पापा … Read more

अपनों का एहसान कैसा? ये तो मेरा फर्ज था – सुषमा यादव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : डाक्टर निधि लंदन के एक नामी अस्पताल में कार्यरत थी। एक साल बाद उसे एक बेहतरीन अस्पताल से ऑफर  आया और वह वहां चली गई। अभी उसे ज्वाइन किये हुए एक महीना भी नहीं हुआ था कि उसकी बहन का फोन आया। रोते हुए उसने बताया कि मम्मी का ऑपरेशन … Read more

कर्ज़ नहीं, फ़र्ज है – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  ” इसमें बड़ी बात क्या है मामाजी!… मैं तो उनका बेटा हूँ…पाल-पोसकर बड़ा किया तो इसमें अपनों का एहसान कैसा? ये तो उनका फ़र्ज़ था जो उन्होंने किया।” नितिन ने लापरवाही से कहा।   मामाजी बोले,” पर बेटा….।” द्वारिकानाथ जी ने उनके कंधे पर हाथ रखकर धीरे-से थपथपाया जैसे कह रहें … Read more

 मैंने अपना फर्ज निभाया है – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : देर रात फोन की घंटी बजती है, रमेश बाबू घबराये से उठकर देखते हैं, आखिर रात के सन्नाटे में घंटी की आवाज डरा देती है, किसी अनहोनी की आशंका से उनकी नींद झट से खुली, जल्दबाजी में चश्मा लगाकर देखा तो फोन उनके दुकान के पास ही पहरा देने वाले … Read more

एहसास – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : किशोरावस्था शायद होती ही ऐसी है कि दिल नित नए सपने देखने लगता है। बचपन से किताबों से दिल लगाने वाली सुमि भी इस नए एहसास से अछूती ना रही । बारहवीं के पेपर हो चुके थे और रिजल्ट आने में कुछ दिन बाकी थे । शाम के वक़्त जब … Read more

ये तो मेरा फ़र्ज़ था – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : विनीता सरकारी ऑफिस में नौकरी करती थी । यह नौकरी उसे पति के मरने के बाद मिली थी । वे बहुत ही छोटी सी उम्र में ही उसे और रतन को छोड़कर चले गए थे । उसने अपने बेटे को पढ़ा लिखाकर अमेरिका भेजा यह उसकी ही मर्ज़ी थी । … Read more

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