तारणहार – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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नहीं पापा नहीं, मैं सपने में भी ऐसा नही सोच सकती।पापा, राजीव अब भी मुझमें जीवित हैं, मैं उसका वजूद अपने दिल दिमाग शरीर मे हरदम महसूस करती हूं।       बेटी,देख तीन वर्ष हो गये, राजीव के जीवित रहने की कोई आशा नहीं।तुम्हारे सामने पूरा जीवन पड़ा है,बेटी मैंने इसीलिये कहा तुम दूसरी शादी कर लो।जहां … Read more

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