मोबाइल वाली बाई – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

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 भाभी… आपके घर आजकल कौन काम करती है ? मुझे ज्यादा पता नहीं है …अभी अभी तो लगी है , यहीं पास के झोपड़ी में रहती है… सावित्री नाम है । स्वाति, मिसेज शर्मा के बातों का जवाब दे रही थी तभी बीच में ही मीरा ने कहा …अरे स्वाति के यहां तो वो मोबाइल … Read more

सुख दुख का संगम – सोनिया अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

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इस रिश्ते को चला पाना अब सुमेधा के लिए नामुमकिन नजर आ रहा था। पति सुयश के बारे में सोच सोच कर वो अपने बढ़ते कदमों को रोक लेती थी। और सब की तरह उसके ससुराल में भी वोही सब बातें की तू दहेज कम लाई, हम तो ठग गए, तेरी जैसी मेरे लड़के के … Read more

बेटा है नही था – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 96

विवेक अपने पिता का पहला श्राद्ध बहुत धूमधाम से कर रहा था । सभी नाते रिश्तेदारों को बुलाया था पिता की पसंद के भोजन से घर आंगन महक रहा था । पंडितों की पूरी जमात अपने आसन पर पधार चुकी थी । विभिन्न किस्म के पकवान उन्हे परोसे जा रहे थे और विवेक अपनी पत्नी … Read more

स्वार्थ की भाषा – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

New Project 39

नीरज..! श्वेता की शादी की तारीख तय हो गई है… 3 दिसंबर..! तुम लोग समय पर सारी तैयारी कर लेना… क्योंकि अगले दो महीने तो बस त्योहारों में ही निकल जाएंगे… इसलिए कनक को पहले ही भेज देना… श्वेता की सारी खरीदारी वह साथ कर लेगी… विमला जी ने फोन पर अपने बेटे नीरज से … Read more

**सुख-दुख का संगम** – डॉ आरती द्विवेदी : Moral Stories in Hindi

New Project 50

 जीवन एक नदी की तरह है, जो कभी शांत और सुखमय होती है, तो कभी उसमें दुख और संघर्ष की लहरें उठती हैं। जैसे नदी अपने गंतव्य की ओर बिना रुके बहती रहती है, वैसे ही जीवन भी अपनी गति से चलता रहता है, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों। सुख और दुख, दोनों जीवन के … Read more

लौट आओ ना मां – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 97

नहीं नहीं.. यह नहीं हो सकता, किसी भी हालत में नहीं हो सकता, ऐसे कैसे कोई चला जाएगा, परसों ही तो मेरी बात हुई है, पगलाइ सी शिप्रा को पति रोहित ने दिलासा देते हुए कहा… देखो शिप्रा अपने आप को संभालो यह वक्त हिम्मत हारने का नहीं है, शांत हो जाओ! अरे कैसे शांत … Read more

सुख दुःख का संगम “। – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

New Project 87

आज छोटे बेटे का गृहप्रवेश है ।खूब जोर शोर से तैयारी चल रही है ।मै भी बहुत उत्साहित हूं ।दोनों बेटों ने अपनी अपनी राहें चुन ली है ।बड़ा अमर मैनेजमेंट की पढ़ाई करके अपना बिजनेस संभाल रहा है ।छोटा अमित इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके पूना में नौकरी कर रहा है ।एक मल्टी नेशनल कंपनी … Read more

सुख और दुख – अयोध्याप्रसाद उपाध्याय : Moral Stories in Hindi

New Project 2

कमली अपनी बेटी जमुनी को जीवन जीने का तरीका बता रही थी —-” तुम सुबह सुबह सो कर जाग जाओ। परमात्मा का स्मरण करो। फिर दिनचर्या से निवृत्त होकर अपने काम में लग जाओ। पढ़ने जाना है तो स्कूल या फिर कालेज जाओ। नौकरी है तो फिर नौकरी के लिए जाओ। लेकिन घर से बाहर … Read more

सुख दुख का संगम – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 11

 पांच साल का पहाड़ सा वक्त हमने अंशुल को देखे बिना कैसे बिताया.. ये हम पति पत्नी का दिल हीं जानता है..            हमारा इकलौता बेटा.. हमारी जिंदगी का केंद्रबिंदु…अंशुल के पापा प्रतिष्ठित कंपनी के सीईओ से सेवानिवृत हुए हैं चार साल पहले… कट्टर ब्राम्हण परिवार से ताल्लुक रखते हैं हम…जनेऊ धारण करने वाले अंशुल के … Read more

अभागी माँ – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 99

पल्लवी जी अपने पति प्रकाश जी के साथ डॉक्टर के केबिन में बैठी डॉक्टर के मुँह से रिपोर्ट सुनने के लिए व्याकुल थीं । डॉक्टर के चेहरे पर असमंजस और परेशानी के भाव देखते हुए पल्लवी जी ने पूछ ही लिया,…”सब ठीक तो है न डॉक्टर साहब ? डॉक्टर ने पानी पीते हुए कहा…”आपकी रिपोर्ट … Read more

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