जीवन का आनंद – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 49

 सुनसान सड़क पर रजनी अकेली तेज-तेज कदमों से चली जा रही थी।आज दिन की घटना रह-रहकर उसके कोमल हृदय पर चोट कर रही थी।अब वो किसके लिये जिये..उसका मर जाना ही अच्छा है..हे भगवान! कोई नदी मिले तो मैं उसमें समा जाऊँ..कोई गाड़ी ही आकर मुझे अपनी चपेट…तभी तेजी-से आती एक कार से टकराकर वह … Read more

कभी खुशी -कभी गम – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

New Project 35

“सुनो जी एक बात कहूं!विभा ने डरते डरते अपने पति महेश से कहा!” “जल्दी कहो जो कहना है टाइम नहीं है मेरे पास?”झुंझलाकर. महेश ने जवाब दिया! “वो सिया की सहेली मीना है ना उसके चाचा का लड़का मुम्बई की एक कंपनी में इंजीनीयर है!” विभा के आगे कुछ कहने से पहले महेश गुर्रा कर … Read more

जीवन सुख दुःख का मेला * – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

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   समय पंख लगाकर उड़ जाता है, कल मैं अपने जीवन के ७३ वर्ष पूरे कर लूँगी। जीवन के सफर में कितने उतार चढ़ाव आए। कितने लोगों से मिली कितने रिश्ते बनाए। कितने पुराने रिश्ते छूट गए, नये रिश्ते बनते गए। सुख दुःख के मापदंड भी बदले। एक सुख जीवन में था, तो दूसरे सुख … Read more

वक्त की मार – डॉ हरदीप कौर : Moral Stories in Hindi

New Project 40

(फोन की घंटी बजती है। राजवी की ताई जी फोन उठाती हैं) राजवी की ताई जी: हेलो।  हर्षिता: हेलो, ताई जी नमस्ते।  राजवी की ताई जी: नमस्ते हर्षिता बोल रही हो क्या? हर्षिता: हांजी, ताई जी। राज से बात करनी है। बुला दोगे क्या? राजवी की ताई जी: हां बुलाती हूं अभी। तुम्हें बधाई हो … Read more

मन का रिक्त कोना – शिव कुमारी शुक्ला  : Moral Stories in Hindi

New Project 98

मेघना  बैठी सोच रही थी कि मैंने अपने  बाइस साल पूर्ण रूप से तन मन से समर्पित हो साहिल को और इस घर को सजाने संवारने  में दिये। बच्चों को पाल-पोस बडा किया। अब उम्र के इस पड़ाव पर जब बच्चों  के कैरियर का पीक समय है उन्हें सेटल करने का समय है, पति-पत्नी को … Read more

जिंदगी अजब पहेली है – डॉ  संगीता अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

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“अजी सुनती हो!!” सुरेश ने अपनी पत्नी दया को आवाज़ लगाई ..”हमारी पायल के लिए मुकेश बाबू ने अपने सुपुत्र दीपक का रिश्ता भेजा है।” “क्या? वो ही दीपक , जिसकी पिछले ही साल सरकारी नौकरी लगी थी,उसके लिए तो काफी अमीर घर के रिश्ते आ रहे होंगे…हमारी पायल को कैसे मांग लिया उन्होंने?” “बेटी … Read more

सुख दुख का संगम – गीता वाधवानी  : Moral Stories in Hindi

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आज राधिका आदित्य के साथ ब्याह करअपनी ससुराल आ गई थी।वह एक संयुक्त परिवार से थी और उसका विवाह भी एक बहुत बड़े परिवार में हुआ था।  विवाह के कुछ समय उपरांत ही उसे एहसास हुआ कि उसकी ससुराल में बहुत सारे लोग हैं लेकिन उन में आपस में कोई प्यार नहीं है।  उन लोगों … Read more

सुख दुख का संगम – के. कामेश्वरी  : Moral Stories in Hindi

New Project 80

मैं घर के सामने बरामदे में बैठकर पेपर पढ़. रहा था कि मेरा पोता जो तीन साल का था मुँह फुलाकर मेरे पास आकर कहने लगा कि दादाजी आपका घर अच्छा नहीं हैं। उसे देखकर मुझे हँसी आई उसे अपने पास बुलाकर पूछा क्यों अच्छा नहीं हैं? इट्स टू हॉट । उससे मजाक करते हुए … Read more

जीवन के नए रंग – निभा राजीव निर्वी  : Moral Stories in Hindi

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अस्पताल के बिस्तर पर पड़े पड़े उसका मुंह पोंछती चंदा पर जब दिनेश की दृष्टि पड़ी तो उसके सूने कान को देखकर उसने पूछ लिया, “- चंदा तेरे झुमके कहां गए?? आज तूने नहीं पहने!”  चंदा की दृष्टि अनायास ही झुक गई, स्वर को मृदुल बनाने का प्रयास करते हुए उसने कहा, “- अरे.. हर … Read more

सुख-दुःख का संगम – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

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मनुष्य का जीवन वास्तव में सुख-दुःख का संगम ही तो है!कभी उसके जीवन में सुखों की लाली छाई रहती है,तो कभी गमों का पहाड़ आ खड़ा होता है।महाकवि सुमित्रानंदन पंत जी ने भी कहा है’सुख-दुख के मधुर मिलन से यह जीवन हो परिपूरण।’ कथानायिका रीना के जीवन में भी सुख-दुःख की आँख मिचौली चल रही … Read more

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