दहलीज के भीतर – कंचन श्रीवास्तव

रोज की किच किच लड़ाई झगड़े से तंग आकर रेखा ने आज घर छोड़ने का फैसला कर ही लिया,फिर क्या था कुछ भी साथ न लिया बस तन पर जो कपड़े पहने थे वहीं शायद रवि के कमाई के थे।यहां तक की कान नाक और पैर में पहनी पायल को भी उतार के ड्रेसिंग टेबल … Read more

बड़ी बहू, बड़े भाग – नीरजा कृष्णा

आज बहुत दिनों के बाद उनको खूब खिलखिलाकर हँसते देख कर दिल बाग बाग हो गया। वो अपनी आत्मीया मित्र  से फ़ोन पर बहुत मगन होकर बात कर रही थीं।  हमारी ये  दीदी पीहर में भी सबसे बड़ी हैं और अपनी ससुराल में भी।   उम्र में तो बड़ी थी हीं, हर चीज़ में भी … Read more

सोने की चूड़ियाँ – रश्मि स्थापक

” सोनल … बस मैं जो दे रही हूँ उसे चुपचाप रख लेना।” कहते हुए रजनी ने अपनी ननद सोनल को सुंदर डिब्बी में रखी चमचमाती हुई अपनी सासू माँ की सबसे फेवरेट सोने की चेन  थमा दी। ” अरे!यह क्या कर रही हैं आप?” कहते हुए सोनल ने पलंग पर लेटी हुई अपनी माँ … Read more

श्रवण कुमार – अनुज सारस्वत

“बेटा तीन साल हो गये कब आयेगा तू घर अपने मेजर से बोल ना छुट्टी के लिये “ सुखबीर की माँ ने फोन पर अपने पैरामिलिटरी फोर्स में भर्ती बेटे से कहा “माँ आ जाऊंगा अभी मेरी ड्यूटी हरिद्वार महाकुंभ में लगी है एक महीने के लिए “ कुंभ का नाम सुनते ही माँ की … Read more

नई माँ-रीटा मक्कड़

कितना खुश था रवि उस दिन जब उसको पता चला कि उसके पापा उसे लेने आ रहे हैं।उसकी दादी ने उसको बताया अब वो शहर में ही रहेगा। दो साल से उसको दादी दादू के साथ गांव में रहना पड़ रहा था। हालात ही कुछ ऐसे हो गए थे। दो साल पहले रवि की मम्मी … Read more

“परिचय” -ऋतु अग्रवाल

  मेरी कक्षा में एक लड़की थी। उसका नाम था- प्रतिष्ठा। पढ़ने में बहुत होशियार, समझदार और साथ में व्यवहार कुशल भी थी परंतु उसकी सब काबिलियत पर एक चीज भारी पड़ती। वह था उसका बहुत ही पक्का रंग। कक्षा में सदैव द्वितीय या तृतीय स्थान पर आती। सभी टीचर उससे बहुत खुश रहती थीं। सभी … Read more

 रिश्तों में फ़र्क क्यों?’ – विभा गुप्ता

   अरुणा की बहू पाँच महीने से गर्भवती थी।दो वर्ष पूर्व ही उसने अपने बेटे का बड़े ही धूमधाम से विवाह किया था।मुँह-दिखाई के समय महिलाओं ने उसकी बहू को जी भर के ‘दूधो नहाओ, पूतों फलों’ का आशीर्वाद दिया था।अपने आसपास के घरों और रिश्तेदारों के यहाँ किलकारियों की आवाज़ सुनती तो उसका भी मन … Read more

सासु मां के ताने – मंजू तिवारी

बहू-मम्मी आज तो बड़ी ठंड है देखो मेरे हाथ कितने ठंडे हो गए।   सास-ठंड है तो इसमें क्या कर सकते हैं हाथों को क्या देखना। बेटी-मम्मी आज तो बड़ी ठंड है देखो मेरे हाथ कितने ठंडे हो गए।                  मां-तेरे हाथ तो बहुत ठंडे है अच्छे से कपड़े पहन लो नहीं तो बीमार पड़ जाओगी बहुत … Read more

जींस  – कमलेश राणा

 मेरे बच्चों और पतिदेव को जानवरों से बड़ा प्यार है,,,पर मुझे उन्हें छूने में बड़ा डर लगता है इसलिए मैं दूर ही रहना पसंद करती हूँ,,,  एक बार बेटे के मित्र के पिताजी का ट्रांसफर जबलपुर हो गया,,,उनके पास डाबरमैन प्रजाति का कुत्ता था,,देखने में ही बड़ा खूंख्वार लगता था  ,,,वैसे भी यह भेड़िया प्रजाति … Read more

ख़त – अनु मित्तल ‘इंदु ‘

कुमुद ने  भी अपने  पिता की मर्ज़ी के आगे सर झुका दिया था । लड़के वाले आये थे देखने । लड़का देखने में सुँदर पढ़ा लिखा था , परिवार भी संपन्न था । परिवार से भी उसकी  मम्मी की पुरानी पहचान निकल आई थी। लड़के की भाभी कुमुद के मम्मी को जानती थीं  ।दोनों  एक … Read more

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