बदलाव – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 39

मिल गई फुर्सत घर आने की, अरे घर में है कौन तुम्हारे लिए, बाहर जाओ घूमो फिरों मटरगश्ती करो और हां …मैंने खिचड़ी बनाकर रख दी है गर्म करके खा लेना और सारे बर्तन और रसोई को साफ कर देना, मैं अपने दोस्तों के साथ बाहर जा रही हूं। सुनो ना.. टीना, आज मेरा एक … Read more

समिधा  – ऋतु अग्रवाल

           रंजू सुबह से एक पैर पर इधर से उधर भाग रही थी। उसके घर में नवमी पर कन्या पूजन से पहले हवन कराने की परंपरा रही है। पति सूरज आराम से पंडित जी के पास बैठे थे और बच्चे अपने अपने मोबाइल में व्यस्त थे।         पंडित जी हवन के लिए जो भी सामग्री मंगाते, … Read more

अपनों नें हाथ छोडा पराये नें थाम लिया – चंद्रकांता वर्मा

आज छोटू की पोस्टिंग भी अमेरिका हो गई । डाक्टर बन गया थी आगे के लिये विदेश पसंद था मेरे बच्चों को। हम पति पत्नी बहुत खुश थे बच्चों का केरिमर बन गया। बडी सी हवेली नुमा घर था बडे सरकारी  पद पर रहे थे पेसे की कमी नहीं थी।समय निकलता रहा अपनीं रफ्तार से … Read more

 कुछ रिश्ते ऐसे – अनिता गुप्ता 

अचानक किसी ने जोर से दरवाजा खटखटाया और लगातार खटखटाता रहा। ” इस वक्त कौन हो सकता है ?” प्रिया ने सोचा और बगल में सो रहे अपने पति हर्ष को जगाया। हर्ष भी इतनी जोर से दरवाजा खटखटाने की आवाज से जगा — जगा सा तो हो ही गया था और  प्रिया के हिलाने … Read more

मेरा चॉंद* – *नम्रता सरन “सोना”

हॉस्पिटल की बालकनी में भुवनजी बेसब्री से चक्कर काट रहे थे, बार बार आसमान को ताकते हुए उनकी आंखों की कोर से आंसुओं की बूंदें टपक जाती थी, जिन्हें वो सबसे नज़र बचाकर आस्तीन से पोंछ देते थे। “मि. चोपड़ा, अंदर चलिए, आपकी वाइफ की कंडीशन लगातार बिगड़ रही है” अचानक नर्स ने आकर कहा। … Read more

माँ का मान – वीणा

बेटे बहु की शादी की दूसरी सालगिरह थी ,बड़े इसरार से उन्होंने मनोहर और सावित्री जी को दिल्ली आने को कहा था..कहा क्या , राजधानी एक्सप्रेस के दूसरे दरजे की टिकट करवा उनके मोबाईल पर भेज दिया था ताकि आने में वे आनाकानी न कर सकें । मनोहर जी तो सरकारी सेवा से रिटायर हो … Read more

राज – सुधा शर्मा

मम्मी आज सब्जी बहुत अच्छी बनी है। अच्छा… और ले लो। गौरी ने राजन को और सब्जी देने के लिए हाथ बढ़ाया ही था.. कि पड़ोस से आते हुये शोर ने उसके हाथ कुछ सेकंड के लिए थाम लिये। क्या हुआ हमेशा शांत रहने वाले यादव जी के घर में यह शोर कैसा?वह मन ही … Read more

स्वाद – कमलेश राणा

मम्मी आज फिर पोहा बना दिया,,,सैंडविच कितने दिनों से नहीं बनाये आपने,,, बहू मेरा दलिया बन गया क्या,,, अभी लाई मां जी,, क्षिप्रा, जरा अखब़ार और चश्मा तो देना मेरा,, जी ,बाबूजी,, क्षिप्रा,मेरा टिफ़िन तैयार हो गया क्या,, सुबह से सांस लेने की फुर्सत नहीं,,चकरघिन्नी हुई जा रही है,,,जरा भी वक़्त नहीं मिलता अपने लिए … Read more

सपनें – Inspiring Story In Hindi 

“दादी माँ! अपनी पसंद बताओ ना, क्या खाओगी” मेरी बहू की बहू ने मेनू कार्ड मेरी तरफ कर पूछा तो आँखें छलक आईं जब अपने बाउजी के घर में थी तो चारदीवारी ही मेरी दुनिया थी। सिर्फ मेरी ही नहीं! मेरी माँ, भाभी,चाची और दादी की भी। स्कूल सिर्फ सातवीं तक गई वो भी बड़े … Read more

अंधे रिश्ते” – सुधा जैन

सौम्या कारपोरेट सेक्टर में काम करती है ।बहुत ही प्रतिभाशाली है। एक वर्ष पूर्व ही उसने अपने साथी नीरज से शादी की है ,और अपनी नई गृहस्थी का आनंद ले रही है ।उसी के ऑफिस में प्रमोशन लेकर राहुल आए हैं। राहुल ने सौम्या की प्रतिभा को पहचान कर उसे अपने प्रोजेक्ट में लिया है … Read more

error: Content is Copyright protected !!