बांह चढ़ाना – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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“अरे अमन! आज लंच नहीं करना है क्या?” “लगता है आज घर से बहुत खा कर आया है!” “हां हां, कुंभकरण की तरह!” “इसलिए कुंभकरण की तरह घोड़े बेचकर सो रहा है!” अपने सहपाठियों की ये टिप्पणियां सुनकर अमन गुस्से में उठा और अपनी बांह चढ़ा ली। “मैं कुंभकरण हूं ना! अब दिखाता हूं तुम्हें … Read more

सम्मान – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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   ” अरे सतीश…तुम क्यों उस बिचारे की पिटाई कर रहे हो..बात-बात पर अपनी #बाँह चढ़ा लेने की तुम्हारी आदत अभी तक गई नहीं है..चलो यहाँ से..।” सतीश का हाथ पकड़कर खींचते हुए नवीन उसे भीड़ से बाहर आ गया।सतीश गुस्से-से बोला,” तू मुझे क्यों ले आया… मैं तो मार-मारकर उसकी हड्डी-पसली एक कर देता।”     ” … Read more

जैसी करनी वैसी भरनी – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

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 सेठ गोपालदास जी कपड़े के व्यापारी थे। इलाके में उनकी दुकान की धाक थी। शादी व्याह के सीजन में अच्छी खासी बिक्री हो जाती थी। ग्रामीणों की उधारी भी चलती थी किन्तु उनके व्यवहार से अभी तक उन्हें किसी ने धोखा नहीं दिया था।देर सबेर पैसे चुका ही जाते थे।वे अपने मुनीम को तकाजा करने … Read more

कुछ करिए – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

New Project 36

नहीं मैने नहीं फेंका यह कचरा मुझे क्या पता किसने फेका है क्या मैं किसी खोजी विभाग में नौकरी करता हूं.. आप लोग भी ज्यादा करमचंद जासूस बनने की कोशिश मत कीजिए वरना मुझसे बुरा कोई ना होगा कहे देता हूं… हमेशा की तरह बांह चढ़ाता शिवदयाल सबको परास्त किए दे रहा था। मॉर्निंग वॉक … Read more

*ठकुराई* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 41

      ठाकुर बलबीर सिंह जी के साथ समस्या ये थी कि उनकी जमीदारी तो चली गयी थी,पर ठकुराई को उन्होंने अपने जेहन से जाने नही दिया था।जमीदारी वाला रुतबा वे रखना चाहते थे।समय परिवर्तन की आहट को सुनने की चेष्टा तक नही कर पा रहे थे।वे यह भी समझने को तैयार नही थे कि आधुनिक बयार … Read more

भरोसा – रचना गुलाटी : Moral Stories in Hindi

New Project 86

ज़िंदगी में बहुत से उतार-चढ़ाव आते हैं पर अगर ईश्वर पर भरोसा हो तो मुश्किल दौर से निकलने की शक्ति मिल जाती है। प्रीति की इसी सोच ने उसे जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया, नहीं तो शायद वह बस अंदर ही अंदर घुटती रहती या अपनी जीवन लीला समाप्त कर देती। आज … Read more

भगवान की लाठी में आवाज नहीं होती! – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

New Project 88

अपने घर में अकेली सरला जी बुखार से तड़प रहीं हैं।चार बेटों की माँ होने के बावजूद घर में कोई पानी नहीं देनेवाला है।वे उठकर खुद से पानी लेती हैं,कमजोरी के कारण धम्म से कुर्सी पर बैठकर मेड का इंतजार करने लगती हैं।कमजोरी के कारण बंद आँखों में उनका अतीत चलचित्र की भाँति घूमने लगता … Read more

“!!!! वंश !!!!” – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 56

” अरे राहुल कहाँ जा रहा है भाभीजी को लेकर इस समय !” देवेन ने अपने दोस्त को रोकते हुए पूछा । ” अरे यार एक डॉक्टर का पता लगा है जो गर्भ मे बच्चे की जांच करती है और अगर कुछ इधर उधर हो तो गर्भपात भी कर देती है तो बस तेरी भाभी … Read more

भगवान की लाठी में आवाज नहीं होती – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

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गीता मायके आई थी। उसका चेहरा मुरझाया हुआ था, आँखों में उदासी और चिंता की गहरी लकीरें खिंची हुई थीं। गीता की माँ, जो अपनी बेटी के स्वागत में पूरे मनोयोग से लगी हुई थी, उसकी ऐसी हालत देखकर घबरा गई। “आओ बेटा, बैठो। कैसी हो? घर में सब कैसे हैं?” माँ ने गीता को … Read more

*प्रायश्चित* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 89

       देखो,अजीत मुझे अब अपने बेटे की पढ़ाई के लिये अपनी जमीन का कुछ हिस्सा बेचना पड़ेगा,सो अब मेरी जमीन को बैंक से मुक्त करा दो।        वो तो ठीक है,पर सुशील मेरे पास अभी रुपयों की व्यवस्था नही है, इसलिये बैंक से अभी जमीन मुक्त नही हो पायेगी।        पर अब तो तुम्हारा काम काज बढ़िया चल … Read more

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