विधवा-संध्या सिन्हा Moral stories in hindi
निशा की कालिमा ने अपने पैर पसार लिए थे ।सभी सोने चले गए थे , दादी भी सो गई पक्की नींद में । दस बरस की छोटी सी सुगन ने अपनी कोठरी का दरवाज़ा बंद किया और दीये की रोशनी में अपने पुराने सन्दूक को धीरे से खोला ।उसे दो रंग की ओढ़नी ही तो … Read more